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सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से परिजन हैं हुए निराश, आज भी उम्मीद है कि न्याय प्रणाली मृतक की आत्मका को देगी न्याय

गुडग़ांवI प्रिंस हत्याकांड में सर्वोच्च न्यायालय ने लंबित पड़ी प्रिंस के पिता की याचिका का निपटारा करते हुए जुबेनाईल जस्टिस बोर्ड को आदेश दिए हैं कि हत्यारोपी भोलू को बालिग माना जाए या नहीं इस पर पुनर्विचार करे। देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले पर मृतक के
परिजन गहरी निराशा में हैं। परिजनों का कहना है कि यह सर्वविदित है कि स्कूल के छात्र ने ही उनके 7 वर्षीय मासूम प्रिंस की हत्या कर जघन्य अपराध किया है। उसके खिलाफ वयस्क की तरह ही मामले की सुनवाई होनी चाहिए। परिजनों का कहना है कि परिवार आज भी उस मोड़ पर आ गया है, जहां 4 साल पहले खड़ा था। मध्यमवर्गीय परिवार को न्याय पाने के लिए इतनी लंबी लडऩी पड़ रह है, लेकिन न्याय मिलना आसान नहीं दिखाई दे रहा, अपितु और मुश्किल बढ़ती जा रही हैं। मृतक प्रिंस को न्याय दिलाने के लिए उनके प्रयास पहले भी जारी थे और आगे भी जारी रहेंगे। हालांकि देश की न्याय प्रणाली पर परिजनों की पूरी आस्था है। उन्हें आज भी आशा है कि मृतक की आत्मा को
न्याय अवश्य मिलेगा।

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