गुडग़ांवI भारत के पूर्व 10वें प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव की जयंती पर उनके अनुयायियों ने उन्हें याद किया। सामाजिक संस्था डा.
राजेंद्र प्रसाद फाउण्डेशन के अध्यक्ष राजेश पटेल ने नरसिंह राव को याद करते हुए कहा कि लाइसेंस राज की समाप्ति और भारतीय अर्थनीति में खुलेपन उनके प्रधानमंत्रित्व काल में ही आरम्भ हुआ था। वह आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे थे। 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या हो गई थी। ऐसे में सहानुभूति की लहर के कारण कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा था। हालांकि कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया था, लेकिन वह सबसे बड़े दल के रुप में उभरी थी।
नरसिंह राव को कांग्रेस संसदीय दल का नेता बनाया गया था। हालांकि उनकी सरकार अल्पमत में थी, लेकिन कांग्रेस ने बहुमत साबित करने के लायक़ सांसद जुटा लिए थे और नरसिंह राव के नेतृत्व में कांग्रेस ने अपना 5 वर्ष का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूर्ण किया था। उन्होंने बताया कि नरसिंह राव ने देश की कमान विषम परिस्थितियों में संभाली थी। उस समय भारत का विदेशी मुद्रा भण्डार चिंताजनक स्तर तक कम हो गया था और देश का सोना तक गिरवी रखना पड़ा था। डा. मनमोहन सिंह ने वित्तमंत्री का कार्यभार संभाला हुआ था। उनके अनुभव से ही देश को आर्थिक भंवर से बाहर निकाला जा सका था। नरसिंहराव का निधन 23 दिसम्बर 2004 को हुआ था। संस्था के सदस्यों ने भी नरसिंह राव को उनकी जयंती पर याद किया।
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