गुडग़ांवI केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती होने वाले युवाओं के लिए अग्रिपथ योजना की घोषणा की गई है, जिसके तहत अब सेना में जवानों की भर्ती 4 साल के लिए ही होगी। सरकार की इस योजना का देश के कई स्थानों पर विरोध भी हो रहा है। ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाईजेशन (एआईडीवाईओ) के प्रदेश संयोजक बलवान सिंह का कहना है कि इस योजना को लाकर सरकार ने युवाओं के साथ रोजगार के नाम पर भद्दा मजाक किया है। भर्ती किए गए जवानों को पैंशन तथा गे्रच्युटी जैसी अन्य सुविधाएं भी नहीं मिल सकेंगी। इस योजना का विरोध किया जाना स्वभाविक ही है। देश में बेरोजगारी की समस्या प्रबल है।
बहुत से युवा पिछले कई वर्षों से भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि पिछले कई वर्षों से सेना में भर्ती नहीं हुई है। सरकार ने इस नई योजना को लाकर युवाओं के मनोबल को तोडऩे का काम किया है। इस प्रकार की योजना युवाओं के ऊपर वज्रपात से कम नहीं है। सरकार पहले से ही सरकारी संस्थानों का निजीकरण करने पर तुली हुई है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि अग्रिपथ योजना को वापिस लिया जाए और सभी सरकारी संस्थानों में स्थायी भर्ती की जाए। उन्होंने आंदोलनरत युवाओं से भी अपील की है कि वे किसी तरह की तोड़-फोड़ या हिंसा जैसी कार्यवाही न करें। अपना आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलाएं। एकजुट होकर लड़ाई लड़ें, सफलता अवश्य मिलेगी।
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