गुडग़ांवI देशवासी आजादी के 75वें अमृत महोत्सव में स्वतंत्रता संग्राम में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों व क्रांतिकारियों को भी राष्ट्र याद कर रहा है। देशबंधु गुप्ता का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान रहा था। उन्होंने महात्मा गांधी के आंदोलन से प्रभावित होकर स्वतंत्रता संग्र्राम में अपना पूरा योगदान दिया। वक्ताओं ने उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि देशबंधु
गुप्ता का जन्म 14 जून 1901 को पानीपत में हुआ था। उनके पिता शदीराम लेखक और वैदिक विद्वान थे। 19 वर्ष की आयु में उनका सोना देवी से विवाह हो गया था। उनकी शिक्षा सेंट स्टीफंस कॉलेज में हुई थी। जब जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ तो इस घटना का असर देशबंधु गुप्ता पर पड़ा। गांधी जी के असहयोग सम्मेलन के बाद देशबंधु गुप्ता ने प्रत्यक्ष रुप से अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वह विभिन्न संस्थाओं के सक्रिय सदस्य भी रहे थे।
स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण उन्हें कई बार जेल यात्राएं भी करनी पड़ी। उन्होंने हरियाणा और पंजाब को अलग करने का अभियान भी इस दौरान चलाया था। लाला लाजपत राय के भी वह बड़े विश्वासपात्र भी थे। वह पंजाब विधानसभा में 7 साल तक विधायक भी रहे और बाद में दिल्ली से सांसद भी चुने गए। सक्रिय राजनीति के अलावा वह भारतीय समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के पक्षधर भी रहे थे। उन्होंने प्रैस की स्वतंत्रता का समर्थन भी किया था। देशबंधु गुप्ता को पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी व समाजवादी नेता के रुप में भी याद किया जाता है। केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में एक डाक टिकट भी जारी किया था। उनका निधन 21 नवम्बर 1951 को हुआ था। वक्ताओं ने कहा कि देशवासियों को उनके आदर्शों पर चलकर देश को उन्नति के मार्ग पर ले जाना चाहिए।
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