गुडग़ांव: आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला को सीबीआई की विशेष अदालत
ने जहां 4 साल व 50 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है, वहीं गुडग़ांव, असोला, सिरसा व पंचकूला की 4 संपत्तियां सीज करने के आदेश भी दिए हैं। पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता तथा स्थानीय कानूनविद् पूर्व मुख्यमंत्री को अदालत द्वारा दी जाने वाली सजा की जानकारी लेने के लिए काफी उत्सुक दिखाई दिए। कानूनविदों का कहना है कि ओमप्रकाश चौटाला के अधिवक्ता द्वारा अदालत से आग्रह किया गया था कि उम्र व दिव्यांगता को देखते हुए चौटाला को कम सजा दी जाए। क्योंकि वह जहां 90 प्रतिशत तक दिव्यांग हैं, वहीं वह खुद कपड़े भी नहीं पहन पाते और कई बीमारियों से भी ग्रसित हैं।
जेबीटी मामले में उन्होंने जेल में सजा काटी है। सजा के दौरान जेल में उनका अच्छा व्यवहार रहा है। उन्होंने जेल से ही 10वीं व 12वीं की परीक्षा पास की हैं। कानूनविदों का कहना है कि सरकार ने इन किसी भी तर्कों पर कोई विशेष गौर नहीं किया और उन्हें 4 साल की सजा सुना दी है। उधर इनेलो कार्यकर्ताओं का कहना है कि अदालत के फैसले की प्रति मिलने के बाद वह इस अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
गौरतलब है कि वर्ष 1993 से 2006 के बीच 7 बार विधायक रहे ओमप्रकाश चौटाला ने आय से दोगुनी संपत्ति अर्जित की थी और उनके खिलाफ वर्ष 2006 में केस दर्ज किया गया था। वर्ष 2019 में ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत नई दिल्ली, पंचकूला, सिरसा में उनके फ्लेट, भूखंडों सहित 3.68 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने गत 21 मई को ओमप्रकाश चौटाला को दोषी करार देते हुए उनकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अदालत ने शुक्रवार को सुना दिया।
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