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कोरोना के कारण प्रदेश में अन्य प्रदेशों की अपेक्षा बढ़ी है बेरोजगारी दर

गुडग़ांव, कोरोना महामारी के कारण लोगों के कारोबार व
रोजगार बड़ी संख्या में प्रभावित हुई हैं। असंख्य लोगों की जहां नौकरियां
चली गई, वहां छोटे-मोटे कारोबार भी बिल्कुल बंद ही हो गए। हालांकि केंद्र
व प्रदेश सरकारों ने छोटे कारोबारियों व रोजगार गवाएं लोगों को राहत देने
के लिए कुछ योजनाएं भी चलाई हुई हैं और आर्थिक रुप से भी उनकी सहायता की
है लेकिन यह सब पर्याप्त नहीं है। देश में बेरोजगारी की दर 1.5 प्रतिशत
से बढक़र अगस्त माह में 8.32 प्रतिशत हो गई बताई जाती है। हरियाणा भी
बेरोजगारी की समस्या से कोरोना काल में अछूता नहीं रहा। हरियाणा में
बेरोजगारी दर 35.7 प्रतिशत बताई जाती है जो कि देश के अन्य प्रदेशों से
सबसे अधिक है। यानि कि औसत से 4 गुणा अधिक है। जानकारों का कहना है कि 5
वर्ष में दूसरी सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर अन्य महीनों से भी ऊपर रही है।
जुलाई के मुकाबले अगस्त माह में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी शहरों
से ज्यादा बढ़ी है। अगस्त माह में शहरों में यह बेरोजगारी दर जहां 39.2
बताई गई है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 33.6 रही है। जानकारों का कहना है
कि प्रदेशों में हरियाणा प्रदेश 35.7 बेरोजगारी दर के साथ सबसे उच्च
स्थान पर स्थित है। उनका कहना है कि पिछले 5 वर्ष में यह बेरोजगारी दर अब
तक की दूसरी सबसे अधिक है। जानकारों का कहना है कि इससे पहले कोरोना की
पहली लहर के दौरान लगे लॉकडाउन के समय अप्रैल 2020 में बेरोजगारी दर 43.2
प्रतिशत पर पहुंच गई थी जो अब तक की सर्वाधिक है। उनका कहना है कि चिंता
का विषय यह है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिन माह में लॉकडाउन रहा
उन महीनों से भी ज्यादा बेरोजगारी दर अगस्त में दर्ज की गई है। उनका ये
भी कहना है कि देश में एक माह के भीतर लाखों लोगों की नौकरियां चली गई
हैं। यानि कि लोग बड़ी संख्या में बेरोजगार हो गए हैं। शहरी क्षेत्र के
साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है। उनका यह भी कहना है
कि जब से कोरोना आया है तब से करीब डेढ़ साल में सरकारी नौकरी नाममात्र
की ही मिल पाई हैं। वहीं जो भर्ती प्रक्रिया पहले से चल रही है वह भी
लटकी हुई है। जो परीक्षा होती हैं वे किसी न किसी कारण से रद्द हो जाती
हैं। उधर पीडि़त युवाओं का कहना है कि प्रदेश में ग्राम सचिव व पुलिस
सिपाही की भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने से रद्द हो गई है। जेबीटी के लिए
भर्ती नहीं निकल रही है। जानकारों का यह भी कहना है कि सरकार को प्रदेश
में रोजगार के अवसर सृजन करने चाहिए ताकि कोरेाना के कारण बेरोजगार हुए
युवाओं को रोजगार मिल सके।

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