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लड्डू गोपाल को झूला झुलाकर श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था का किया प्रदर्शन

गुडग़ांव, भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व सोमवार को
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों स्थित मंदिरों व शिवालयों में धूमधाम से मनाया
गया। मंदिरों की संचालन कमेटियों द्वारा इस पर्व के आयोजन की कोरोना
महामारी से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए बड़े स्तर
पर तैयारियां की हुई थी। शहरी क्षेत्र स्थित सिद्धेश्वर, भूतेश्वर,
घंटेश्वर, गीता भवन, पटेल नगर स्थित श्रीबांकेबिहारी मंदिर, छोटे हनुमान
मंदिर, प्रताप नगर के श्रीराम मंदिर, श्रीकृष्ण मंदिर, अर्जुन नगर के
श्रीकृष्ण मंदिर, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, ज्योति पार्क स्थित श्रीगीता
आश्रम, न्यू कालोनी के श्रीश्याम व श्रीराधा कृष्ण मंदिर, प्रेम मंदिर,
गुफावाला मंदिर, सुदर्शन माता मंदिर, सूर्य विहार के माता वैष्णो देवी
मंदिर, सैक्टर 4 के श्रीकृष्ण मंदिर, बाबा प्रकाशपुरी आश्रम, सुशांत लोक,
डीएलएफ, साऊथ सिटी, पालम विहार स्थित मंदिरों तथा सैक्टर 45 स्थित इस्कॉन
के श्रीराधा गोपीनाथ मंदिर में भी पूरे दिन श्रद्धालुओं की पूजा-अर्चना
के लिए भीड़ लगी रही। इस्कॉन ने वर्चुअल तरीके से इस आयोजन की पूरी
व्यवस्था की हुई थी। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों के गढ़ी-हरसरु के शिव
मंदिर, इंच्छापुरी फर्रुखनगर, पटौदी, बादशाहपुर, भौंडसी व सोहना आदि
क्षेत्रों में भी भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम रही। मंदिरों में
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से जुड़े प्रसंगों तथा राधा-कृष्ण के प्रेम को
चरितार्थ करती हुई झांकियां भी प्रदर्शित की गई। मंदिरों में बनाई गई
झांकियां श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। श्रद्धालुओं ने
श्रीकृष्ण यानि कि लड्डू गोपाल को पालने में झुलाकर अपनी श्रद्धा का
प्रदर्शन किया। ज्योति पार्क स्थित गीता आश्रम में श्रद्धालुओं ने
सामाजिक दूरी का पालन करते हुए भजन-कीर्तन भी जन्माष्टमी पर किया। यह
आयोजन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेने के समय यानि कि मध्यरात्रि तक चलता
रहा। महिलाओ ने भगवान श्रीकृष्ण के प्रसंगों से जुड़े भजन आदि भी
प्रस्तुत किए। बड़ी संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालु इस आयोजन में
शामिल हुए। आयोजन को सफल बनाने में मंदिर के प्रबंधक राजेश गाबा, रामलाल
आहूजा, रमेश डूडेजा, वेद आहूजा, अशोक अतरेजा, जगदीश गुलाटी, तुषार गाबा,
पीयूष बब्बर का सहयोग रहा। उधर जिला प्रशासन ने भी शांति व्यवस्था बनाए
रखने के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए थे, ताकि किसी प्रकार की कोई
अप्रिय घटना घटित न हो सके। सभी मंदिरों के आस-पास बड़ी संख्या में
पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। पुलिस के उच्चाधिकारी भी विभिन्न क्षेत्रों
का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते दिखाई दिए।

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