गुडग़ांव, जिला प्रशासन ने गुडग़ांव के शहरी व ग्रामीण
क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन की सुविधाएं देने के लिए विभिन्न रुटों
पर गुरुगमन सिटी बसें चलाई हुई हैं। नए गुडग़ांव में ई-रिक्शा का संचालन
भी इसी सप्ताह शुरु किया गया है। लेकिन ये सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं।
शहर के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर ये सेवाएं शहरवासियों को उपलब्ध नहीं
हैं। इस कमी को पूरी करने के लिए डीजल के ऑटो विभिन्न रुटों पर अधिकांशत:
स्थानीय लोगों द्वारा चलवाए जा रहे हैं। इन ऑटो चालकों पर मनमाना किराया
वसूलने व अडिय़ल रवैय्ये की शिकायतें समय-समय पर जिला प्रशासन के पास भी
पहुंचती रही हैं। लेकिन समस्याओं का समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है।
सामाजिक संस्था ग्रामीण विकास महापंचायत संघ व ग्राम विकास संगठन आदि के
पदाधिकारियों का कहना है कि विभिन्न रुटों पर चल रहे ऑटो चालकों ने
कोरोना महामारी के दौरान ही डबल किराया वसूलना शुरु कर दिया था। जबकि
जिला प्रशासन से भी किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई है। संस्था के
सुरेंद्र यादव का कहना है कि अधिकांश ऑटो चालक यातायात नियमों की
धज्जियां उड़ाते हुए दिखाई दे जाएंगे। ऑटो में क्षमता से अधिक सवारियां
भरी जाती हैं। यदि कोई सवारी इसका विरोध करती है तो उनके साथ अभद्र
व्यवहार करने में भी ये नहीं चूकते। यातायात पुलिस से भी इनकी शिकायत की
जाती रही है, लेकिन समस्या का समाधान आज तक भी नहीं निकला है। उन्होंने
जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि सैक्टर 37 औद्योगिक क्षेत्र से उद्योग
विहार, डूण्डाहेड़ा व आईएमटी मानेसर के लिए कोई सीधी बस सेवा नहीं है।
यदि बसों के रुटों में परिवर्तन कर वाया सैक्टर 37 कर दिया जाए तो इन
क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिक वर्ग को बड़ी राहत मिल सकती है।
उन्होंने जिला प्रशासन से यह आग्रह भी किया है कि इन ऑटो का किराया
निश्चित किया जाए, ताकि शहरवासी व मजदूर वर्ग भारी किराए के बोझ से बच
सकें और वे शांतिपूर्वक अपना सफर भी तय कर सकें।
Comment here