गुडग़ांव, प्राचीन काल से ही सिद्धयोग व प्राकृतिक
चिकित्सा के माध्यम से जटिल से जटिल बीमारियों का उपचार होता रहा है और
बड़ी संख्या में लोग इन पद्धतियों का लाभ भी उठाते रहे हैं। हालांकि
आधुनिकता के इस दौर और बदलते परिवेश में इन पद्धतियों की ओर आम लोगों का
ध्यान कम ही जाता है, लेकिन इस क्षेत्र में कार्यरत संस्थाएं अभी भी इस
पद्धति का लाभ लोगों को देने में जुटी हैं। गुडग़ांव स्थित सिद्धयोग मठ
अखाड़ा के मठाधीश बालयोगी अलखनाथ ओघड़ ने बताया कि आयुष आरोग्य के भगवान
धनवंतरी के आशीर्वाद से दयानंद कालोनी स्थित शिव मंदिर परिसर में
सिद्धयोग प्राकृतिक चिकित्सा का शुभारंभ हवन-यज्ञ शुरु कर किया गया है।
उन्होंने बताया कि सिद्धयोग प्राकृतिक चिकित्सा, ज्ञान-विज्ञान में आस्था
रखने वाले विद्वान संत आदि भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने
आमजन को आह्वान किया कि वे इस पद्धति का पूरा लाभ उठाएं। इस पद्धति से
उपचार कराने के लिए 150 से अधिक लोग भी पहुंचे और उन्हें निशुल्क परामर्श
भी दिया। बालयोगी ने बताया कि संस्था ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक माह
की शुक्ल पक्ष व कृष्ण पक्ष की दोनों अष्टमी तिथियों सहित पूर्णिमा व
अमावश्या तिथि को भी प्राकृतिक चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा,
जिसमें आमजन प्राकृतिक चिकित्सा व योग के माध्यम से जटिल से जटिल
बीमारियों का उपचार करा सकेंगे।
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