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बाबा रामदेव के बयान से उपजे विवाद को जनहित में सुलझाने के लिए सरकार को करना चाहिए हस्तक्षेप

गुडग़ांव, कोरोना महामारी के चलते एलोपैथिक चिकित्सकों के
बारे में योग गुरु बाबा रामदेव के कथन से उपजे विवाद को सरकार को जनहित
में हस्तक्षेप कर शीघ्र ही सुलझा देना चाहिए। यह मांग सामाजिक संस्था
भगवान श्री परशुराम सेवादल के अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा एडवोकेट ने सरकार
से कही है। उनका कहना है कि चिकित्सकों व योग गुरु के बीच चल रहे विवाद
से देश की जनता बड़ी परेशान है। स्वदेशी का राग अलापने वाले अब विदेशी
टीका व दवाएं भी अपना रहे हैं। बाबा रामदेव को चिकित्सकों से सार्वजनिक
रुप से माफी मांगकर इस विवाद को समाप्त कर देना चाहिए। उनका कहना है कि
बाबा रामदेव कोई न कोई बयानबाजी देकर फंस जाते हैं। उनका कहना है कि
कोरोना काल में सभी को सामूहिक रुप से यह प्रयास करने चाहिए कि कोरोना से
कैसे देशवासियों को सुरक्षित रखा जाए। यह समय आपस में लडने का नहीं है।
देश की जनता की सुरक्षा का सवाल है। देश की अधिकांश जनता आज भी एलोपैथिक
पद्धति को अपना रही है। आयुर्वेदिक पद्धति भी हमारी प्राचीन चिकित्सा
पद्धति है। सरकार भी इस पद्धति को आमजन तक पहुंचाने में लगी है। उन्होंने
सरकार से यह मांग भी की है कि देश की गरीब जनता का सस्ते में अस्पतालों
में उपचार हो, इसकी पूरी व्यवस्था की जानी चाहिए। आर्थिक तंगी के चलते
गरीब वर्ग महंगे अस्पतालों में उपचार नहीं करा पाता, जिससे इस वर्ग के
मरीज दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। इस विवाद का तुरंत ही जनहित में समाधान
होना चाहिए।

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