गुडग़ांव, मुख में दांत और मसूड़े शरीर के अति महत्वपूर्ण
भाग हैं, जबकि लोग इन्हें बहुत हल्के में ले लेते हैं। मुख और दांत के
लोग केवल मुख-दंत तक ही सीमित नहीं रहते, शरीर के किसी भी अन्य भाग में
वे पीड़ा का कारण बन सकते हैं। मुख के भीतर केविटी बन जाती है और वहीं पर
कीटाणु पनपने शुरु हो जाते हैं। यदि समय रहते उपचार न किया जाए तो
विभिन्न रोगों का सामना करना पड़ सकता है। उक्त विचार गीताज्ञानेश्वर डा.
स्वामी दिव्यानंद महाराज ने मंथन आई हैल्थकेयर फाउण्डेशन द्वारा आयोजित
निशुल्क मुख-दंत रोग चिकित्सा एवं जागरुकता शिविर का शुभारंभ करते हुए
व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का प्रभाव पहले 3-4 दिन मुख और
गले में रहता है। दंत चिकित्सा विशेषज्ञ डा. अंबुज चानना ने रोगियों की
जांच करते हुए कहा कि विटाडिन के कुल्ले व गरारे करने से मुख, दांत व गले
को कोरोना से बचाया जा सकता है। उनका कहना है कि कोरोना संभावित अथवा
कोरोना रोगियों की रिपोर्ट सही आ जाने पर कोरोना काल में ब्रश, पेस्ट,
कंघी, कड़ा, अंगूठी का प्रयोग बिल्कुल न करें। यदि इनका प्रयोग किया भी
जाना है तो उन्हें विषाणुमुक्त कर तभी करें। ढंग से ब्रश करना व मीठे पेय
पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। डा. चानना ने शिविर में आए लोगों को
मुख-दंत रोगों से बचाव की जानकारी भी देते हुए उन्हें इन बीमारियों के
प्रति जागरुक भी किया। कोरोना से बचाव के लिए भी सरकार द्वारा जारी
दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह भी लोगों से किया गया। बड़ी संख्या
में लोगों ने कोरोना महामारी के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए
चिकित्सा शिविर में अपने दांतों की जांच कराई।
बीमारी के प्रति लापरवाही करना पड़ सकता है भारी : डा. स्वामी दिव्यानंद महाराज


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