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उद्यमियों ने बजट को बताया निराशाजनक कोरोना के बाद उद्योगों को थी राहत की उम्मीद, लेकिन नहीं हुई पूरी

गुरुग्राम, प्रदेश सरकार का बजट शुक्रवार को प्रदेश के
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने बतौर वित्तमंत्री विधानसभा में पेश कर दिया।
सरकार ने जहां इस बजट को प्रदेशवासियों के हित में संतुलित बजट बताते हुए
कहा है कि इस बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। किसानों,
उद्यमियों व बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी बजट में बहुत
कुछ है। कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य पर भी पूरा ध्यान दिया गया है और इन सभी
के लिए बजट में प्रावधान भी किया गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि
सरकार ने स्वास्थ्य, कृषि और बुनियादी ढांचे को प्रमुख प्राथमिकता वाले
क्षेत्रों के रुप में पहचाना है। स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोपरि रखा गया
है। कृषि क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था की नींव है। मुख्यमंत्री ने इस
बजट को अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने वाला बताते हुए कहा है कि सरकार की
रणनीति अंत्योदय अंतिम व्यक्ति तक पहले सेवा पहुंचाना और उत्थान करने के
ऊपर आधारित है। यह बजट गत वर्ष के बजट से 13 प्रतिशत से अधिक है। जहां
मुख्यमंत्री बजट की खूबियां गिनाते नहीं थक रहे हैं, वहीं उद्योग जगत के
उद्यमी इस बजट को निराशाजनक बता रहे हैं। उद्यमी संगठनों का कहना है कि
सरकार से बजट में जो उम्मीद थी, वह पूरी नहीं हुई है। उद्यमियों को
निराशा ही हाथ लगी है। उद्यमियों का प्रतिनिधित्व करने वाली गुडग़ांव
उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव का कहना है कि वर्ष 2021-22 के
बजट से उद्योग जगत को निराशा ही हाथ लगी है। कोरोना महामारी से उद्योग
जगत अभी तक भी उबर नहीं पाया है। उद्यमियों को उम्मीद थी कि सरकार कोरोना
से बिगड़ी आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उद्योगों को राहत
देगी, लेकिन इस बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है। उनका कहना है कि सरकार ने
विकास को लेकर प्रशिक्षण केंद्र खोलने की बात अवश्य की है, लेकिन इनका
लाभ भी तुरंत मिलने वाला नहीं है। यादव का कहना है कि सरकार ने बजट में
जो घोषणाएं की हैं, उनका लाभ तभी मिल पाएगा, यदि उनको साफ दिल से धरातल
पर लागू किया जाए।

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