गुरुग्राम, जिले के एक निजी स्कूल की कक्षा दूसरी के
छात्र की गला रेतकर हत्या कर देने के मामले में पुलिस के 4 अधिकारियों के
खिलाफ सीबीआई अदालत में मामला चलाने की अनुमति प्रदेश सरकार ने नहीं दी
थी। प्रदेश सरकार के इस फैसले को पीडि़त पक्ष ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च
न्यायालय में चुनौती दी है और आग्रह किया गया है कि पुलिस अधिकारियों
एसीपी बिरेम सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर नरेंद्र खटाना, सब इंस्पेक्टर शमशेर
सिंह व ईएएसआई सुभाष चंद के खिलाफ मुकदमा चलाने की स्वीकृति दी जाए।
पीडि़त पक्ष ने याचिका के साथ सीबीआई द्वारा अदालत में पेश किए चालान की
प्रति भी लगाई है। पीडि़त पक्ष के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल का कहना है कि
सीबीआई द्वारा अदालत में पेश किए चालान में स्पष्ट तौर पर चारों पुलिस
अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने तथ्यों से छेड़छाड़ की है और
स्कूल बस के कंडक्टर को इस मामले में गलत रुप से फंसाया गया था। केस
डायरी भी बाद में ही लिखी गई है। गौरतलब है कि वर्ष 2017 की 8 सितंबर को
जिले के एक निजी स्कूल में कक्षा दूसरी के छात्र प्रिंस की गला रेतकर
हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में स्कूल बस के कंडक्टर अशोक को
गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था, लेकिन जब इस मामले की सीबीआई ने जांच की
तो पुलिस की थ्योरी को ही पलटते हुए गिरफ्तार किए गए बस कंडक्टर को
निर्दोष करार दे दिया था और इसी स्कूल के 11वीं के छात्र भोलू को आरोपी
मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था।
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