गुडग़ांव, बिजली निगम द्वारा जूनियर इंजीनियर (जेई) सहित
4 बिजली कर्मियों को निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं। उनका आरोप है कि
उपभोक्ता का बिजली मीटर लगाकर उस मीटर को रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया
गया, जिससे इन बिजली कर्मियों की लापरवाही से बिजली निगम को करीब 3 लाख
67 हजार रुपए के राजस्व की हानि हुई है। लापरवाही बरतने के आरोप में साउथ
सिटी उप मंडल के जेई सहित 4 कर्मियों को तुरंत प्रभाव से निलंबन कर
नारनौल कार्यालय से अटैच कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उपभोक्ता
ने बिजली कनेक्शन का आवेदन वर्ष 2018 के नवम्बर माह में किया था। उसको
कनेक्शन भी दे दिया गया और उसको मीटर भी लगा दिया गया, लेकिन मीटर को
बिजली निगम के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया। जब मामले की खुलासा हुआ
तो इसकी जांच अधीक्षण अभियंता प्रमोद गोयल को सौंपी गई। जांच में क्षेत्र
के जेई विजेंद्र सिंह, सीए जितेंद्र सिंह, शमीम खान यूडीसी व लाइनमैन पवन
को दोषी पाया गया, जिस पर उन सभी को निलंबित कर दिया गया। बताया जाता है
कि पवन लाइनमैन का तबादला एक माह पूर्व नूंह उपमंडल में कर दिया गया था।
यह भी बताया जाता है कि इन कर्मियों की लापरवाही से बिजली निगम को 52
हजार 566 बिजली यूनिट का नुकसान हुआ। इन यूनिट का बिजली बिल 3 लाख 67
हजार रुपए बनता है। बिजली निगम ने इस नुकसान की भरपाई इन कर्मियों से
करने के आदेश भी दिए हैं।
पवन के खिलाफ एक और जांच शुरु
निलंबित लाइनमैन पवन के खिलाफ बिजली निगम ने एक और जांच शुरु कर दी है।
पवन के खिलाफ घाटा गांव के धीरज ने धोखाधड़ी का मामला पहले से ही दर्ज
कराया हुआ है कि पवन ने एक लाख 18 हजार रुपए उससे उसका बिजली का बिल जमा
करने के लिए लिये थे, लेकिन उसने उसे फर्जी रसीद ही थमा दी थी। इसी
प्रकार पवन ने दूसरा मीटर के लिए भी उपभोक्ता से करीब 2.3 लाख रुपए लिए
थे, लेकिन उसका बिल भी जमा नहीं कराया था। पवन के खिलाफ सैक्टर 56 में
धीरज की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करा दिया गया था। पवन की
अग्रिम जमानत याचिका उच्च न्यायालय तक से भी खारिज हो चुकी है।
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