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डीजल के दामों में वृद्धि होने पर ट्रांसपोर्टरों ने माल ढुलाई के भाड़े में वृद्धि करने का किया आग्रह अभी तक नहीं हो सका है कोई अंतिम निर्णय आग्रह नहीं माना तो कर सकते हैं माल ढुलाई बंद

गुडग़ांव, डीजल-पेट्रोल की कीमतों में हुई वृद्धि का असर
कारोबार पर भी पडऩा शुरु हो गया है। ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में कार्यरत
ट्रांसपोर्टरों ने माल ढुलाई के लिए भाड़े में कम से कम 15 प्रतिशत की
वृद्धि करने का आग्रह व्यापारियों से किया है। उनका कहना है कि साढ़े 3
माह तक लगे लॉकडाउन के दौरान उनका कारोबार बुरी तरह से प्रभावित रहा है,
लेकिन अब डीजल के दामों में हुई वृद्धि ने उनकी कमर ही तोड़ कर रख दी है।
कारोबारी विशेषकर उद्योग जगत के लोगों ने भाड़े में वृद्धि के आग्रह को
पूरी तरह से नकार दिया है। उनका कहना है कि कोरेाना का संकट चल रहा है।
ऐसी स्थिति नहीं है कि माल भाड़े में वृद्धि की जाए। क्योंकि उद्योग
लॉकडाउन के चलते पहले से ही बुरी तरह प्रभावित हैं। इन ट्रांसपोर्टरों का
यह भी कहना है कि सरकार ने कोरोना संकट को लेकर उनके वाहनों की मासिक
किश्त अगस्त तक जमा नहीं कराने की छूट दे रखी है, लेकिन अब सितम्बर माह
में उन्हें मासिक किश्त के साथ-साथ ब्याज का भुगतान भी करना होगा। उनका
कहना है कि सितम्बर में वह किश्त और ब्याज की कहां से व्यवस्था करेंगे।
वाहनों की किश्त न जमा कराते हैं तो फाइनेंसर उनके वाहनों को नहीं चलने
देगा। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि माल भाड़े में वृद्धि का निर्णय
उन्होंने बहुत ही मजबूरी में लिया है। यदि माल भाड़े में वृद्धि नहीं हुई
तो उन्हें माल ढुलाई बंद करनी पड़ सकती है। हालांकि उद्योग जगत के
कारोबारियों से उनकी बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय
नहीं हो सका है।



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