गुडग़ांव, देशवासी जहां एक ओर कोरोना महामारी का सामना
करने में जुटे हैं, वहीं देश में डीजल-पेट्रोल के दामों में दिन-प्रतिदिन
वृद्धि होती जा रही है। डीजल-पेट्रोल के दाम एक समान हो गए हैं।
डीजल-पेट्रोल के दामों में वृद्धि हो जाने से ट्रांसपोर्ट सेवा भी
प्रभावित हो रही है, जिससे फल-सब्जियां आदि भी महंगी होती दिखाई दे रही
हैं। केंद्र सरकार डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों को नियंत्रित नहीं कर पा
रही है, जिसका सीधा असर आम लोगों पर पडऩा निश्चित है। फल-सब्जियों के
दामों में वृद्धि हो जाने से गृहणियों की रसोई भी प्रभावित हुए बिना नहीं
रही है। जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन में ट्रांसपोर्टर बिना किसी
कारोबार के खाली बैठे रहे। अब अनलॉक हुआ है तो पिछले 17 दिन से लगातार
डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं, जिससे एक नया संकट पैदा हो गया
है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि ऐसे में ट्रांसपोर्ट का भाड़ा बढ़ाने
के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं बचा है। सब्जियों के दामों में भी उछाल
आना शुरु हो गया है। गत सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह 10 रुपए प्रतिकिलो
के हिसाब से सब्जी के दामों में वृद्धि हो गई है। सब्जी विक्रेताओं
विशेषकर जो रेहड़ी पर सब्जी लगाकर बेचते हैं, उनको परेशानियों का सामना
करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि गृहणियां पिछले सप्ताह के अनुसार ही
सब्जी खरीदने पर अड़ जाती हैं, ऐसे में वे क्या करें। उन्हें आढ़तियों से
महंगी सब्जियां मिल रही हैं तो फुटकर में कम दामों पर कैसे सब्जी बेचें।
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