गुडग़ांव, वैश्विक कोरोना वायरस का प्रभाव जहां आम आदमी के
की दिनचर्या पर पड़ा है, वहीं कारोबार तथा अन्य कार्य भी प्रभावित होकर
रह गए हैं। कोरोना के कारण विवाहोत्सव भी लोगों ने स्थगित कर दिए हैं।
हालांकि प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशानुसार बैंकट हॉल
आदि में शादी करने की अनुमति अवश्य दे दी है, लेकिन साथ ही यह शर्त भी
लगा दी है कि विवाह-समारोह में 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे और
उन सभी को सामाजिक दूरी, फेस मास्क व सैनिटाइज्ड अवश्य होना पड़ेगा। जहां
शादियां पहले रात्रि में होती थी और उन पर लाखों रुपए खर्च हो जाता था,
लेकिन अब कोरेाना वायरस के चलते विवाह-समारोह दिन में ही आयोजित करने पड़
रहे हैं। इस प्रकार कोरोना के कारण वैवाहिक उत्सवों का खर्च करीब 70
प्रतिशत तक घट गया है। बारातियों की संख्या भी सीमित होकर रह गई है। यह
कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि लेडीज संगीत पर जो खर्च होता था, अब उस
खर्च में कोरोना के दौरान शादियां हो रही हैं। यानि कि पहले जितना लेडीज
संगीत पर खर्च होता था, अब उतने में विवाह-समारोह निपट रहे हैं। हालांकि
इस सबको लेकर बैंकट हॉल के संचालक परेशान हैं। वे अपने कर्मचारियों को
वेतन तक भी नहीं दे पा रहे हैं। बैंकट हॉल में शादी करने का पहले करीब 10
लाख रुपए का खर्च आ जाता था। क्योंकि शादी में बड़ी संख्या में लोग शामिल
होते थे, लेकिन अब तो सीमित संख्या में ही लोगों को बुलाया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि कैटरिंग वालों को भी कोरोना के चलते काफी नुकसान
हुआ है। पहले शादी में लाखों रुपए के फूल लग जाते थे, लेकिन अब प्लास्टिक
के फूलों का चलन बढ़ गया है। प्लास्टिक के फूलों से दूल्हे की गाड़ी
मात्र 600-700 रुपए में ही सज रही है। पहले यही गाड़ी प्राकृतिक फूलों से
3 हजार तक में सजती थी। इसी प्रकार दूल्हा-दुल्हन के लिए वरमाला भी जो
पहले हजारों में मिलती थी, अब मात्र 500 रुपए में वरमाला का जोड़ा मिल
रहा है। इस प्रकार कोरोना वायरस का असर शादियों पर भी बुरी तरह से पड़ा
है।
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