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प्रवासी श्रमिक गृह प्रदेशों में घरेलू सामान भेजने की व्यवस्था में हैं जुटे सवा लाख रुपए में पश्चिम बंगाल सामान लेकर जाएगा ट्रक

गुडग़ांव, प्रवासी श्रमिकों का अपने गृह प्रदेश जाने का
सिलसिला रुक नहीं पा रहा है। यह सिलसिला अभी भी जारी है। प्रदेश सरकार भी
100 ट्रेनों व सरकारी बसों से हजारों प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह
प्रदेश भेज चुकी है। पश्चिम बंगाल व उड़ीसा प्रदेशों से बड़ी संख्या में
प्रवासी श्रमिक ट्रेनों से अपने घरों को लौट चुके हैं, लेकिन वे घर जाते
हुए अपना घरेलू सामान उनके किराए के मकानों में बंद कर गए थे। परिवार में
से एक-2 लोग सामान को घर भिजवाने की व्यवस्था के लिए गुडग़ांव में ही रह
गए थे। गुडग़ांव में रह रहे ऐसे परिवारों ने सामूहिक रुप से प्रयास कर
घरेलू सामान को अपने गृह प्रदेश भिजवाने की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था
में इन प्रवासी श्रमिकों के परिजन पिछले काफी दिनों से जुटे हुए हैं। इन
प्रवासी श्रमिकों का कहना है कि वे अधिकांशत: लक्ष्मण विहार, सूरत नगर,
राजेंद्रा पार्क, भीमगढ़ खेड़ी, सूर्य विहार व धनवापुर आदि क्षेत्रों में
किराए के मकानों में रहते थे। जब लॉकडाउन के चलते परिवार पश्चिम बंगाल व
उड़ीसा चले गए हैं तो उनका यहां रहने का कोई औचित्य नहीं है। इन परिवारों
ने पश्चिम बंगाल के लिए करीब सवा लाख रुपए में एक ट्रक की व्यवस्था की
है, जिसमें वे अपना घरेलू सामान भरकर पश्चिम बंगाल अपने गृह प्रदेश
जाएंगे। सामान के हिसाब से ट्रक का खर्चा आपस में बांट लेंगे। क्योंकि
अकेला आदमी पूरा ट्रक का खर्चा नहीं उठा सकता। इसलिए ये व्यवस्था की गई
है।

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