गुडग़ांव, लॉकडाउन के दौरान का बिजली उपभोक्ताओं को बिजली
निगम द्वारा बिना रीडिंग के लिए औसत रीडिंग के आधार पर भारी-भरकम बिल
थमाए जा रहे हैं, जिनसे उपभोक्ताओं को भारी झटका लग रहा है। बिजली निगम
के अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन की अवधि में मीटर रीडिंग नहीं ली जा
सकी थी, इसलिए औसत बिल भेजे जा रहे हैं। जब रीडिंग ली जाएगी तो यह बिल
स्वयं ही समायोजित हो जाएगा। उपभोक्ता इन भारी-भरकम बिलों को लेकर बिजली
निगम के चक्कर काटते दिखाई दे रहे हैं। उन्हें बिजली निगम के अधिकारियों
की कही हुई बात पर यकीन नहीं हो रहा है। उपभोक्ताओं का कहना है कि जहां
उनका बिल 2-ढाई हजार आता था, वह अब 7-8 हजार रुपए आ रहा है। निगम के
अधिकारी इस बिल को ठीक करने की बजाय उपभोक्ताओं को सलाह दे रहे हैं कि वे
इस बिल का भुगतान कर दें। आने वाले बिलों में इसका समायोजन कर दिया
जाएगा। उपभोक्ताओं का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते वैसे ही आर्थिक
संकट से गुजर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बिजली निगम ने भी उनकी परेशानियों
को बढ़ाकर रख दिया है। उपभोक्ताओं की मांग है कि जब सरकार ने अन्य
क्षेत्रों को कोरोना वायरस से उबरने के लिए पैकेज की घोषणा की है तो
बिजली उपभोक्ताओं को भी कुछ राहत अवश्य देनी चाहिए। हालांकि कांग्रेस
लॉकडाउन की अवधि के दौरान के बिजली व पानी के बिलों को माफ करने का
अभियान चलाए हुए है, लेकिन सरकार ने अभी तक इस बारे में किसी प्रकार की
कोई घोषणा नहीं की है।
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