गुडग़ांव, कोरोना वायरस महामारी के चलते सभी धार्मिक स्थलों
को लॉकडाउन के दौरान श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था। सोमवार से
केंद्र सरकार ने आदेश जारी कर देश के सभी प्रदेशों में सभी धार्मिक
स्थलों को कोरोना से बचाव के उपायों से संबंधित दिशा-निर्देशों के साथ
खोलने के आदेश दे दिए हैं। हालांकि हरियाणा प्रदेश में गुडग़ांव व
फरीदाबाद में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए अभी धार्मिक
स्थलों पर पाबंदियां जारी रहेंगी। सरकार कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को
गंभीरता से लेते हुए इनको बढऩे से रोकने के लिए प्रयास करे। यह कहना है
सामाजिक संस्था भगवान श्री परशुराम सेवादल के अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा
एडवोकेट का। उन्होंने धार्मिक स्थलों को खोले जाने की सराहना करते हुए
कहा कि श्रद्धालु मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे व गिरजाघर आदि धार्मिक
स्थलों पर जाकर अपने-अपने धर्मों के अनुसार कोरोना वायरस महामारी से
मुक्ति दिलाने के लिए प्रार्थना कर सकेंगे। भारत देश ऋषि-मुनियों की पावन
भूमि रहा है। यहां पर देवी-देवताओं का वास है। यह देश पीर-पैगंबरों का
देश है। हर धर्म को मानने वाले अनुयायी भी इस देश में हैं। सभी का
परमपिता परमात्मा एक ही है, मगर रुप अनेक हैं। सभी धर्मों के अनुयायी
अपनी-अपनी आस्था के अनुसार धार्मिक स्थलों में जाकर ईश्वर से कोरोना
मुक्ति के लिए प्रार्थना करेंगे। श्रद्धालु काफी दिनों से धार्मिक स्थलों
के कपाट खुलने की प्रतिक्षा करते आ रहे थे। उनका कहना है कि गुडग़ांव में
भी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर जैसे ही नियंत्रण पा लिया जाएगा,
जिला प्रशासन यहां पर भी धार्मिक स्थलों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल
देगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे सरकारी आदेशों का
पालन करते हुए धार्मिक स्थलों की गरिमा को बनाए रखें।
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