गुडग़ांव, प्रदेश के मेवात क्षेत्र में एक समुदाय द्वारा
अन्य समुदायों के प्रति भेदभाव की नीति अपनाने व उनको परेशान करने की
आवाज पीडि़त समुदायों द्वारा उठाई जाती रही है। इसी क्रम में सोमवार को
सिविल लाइन क्षेत्र स्थित अग्रवाल धर्मशाला में श्री वाल्मीकि महासभा
द्वारा प्रैसवार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें समिमि के कई सदस्य भी
शामिल हुए। इस प्रकार के मामलों की जांच करने के लिए एक समिति का गठन
पूर्व न्यायाधीश पवन कुमार की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें सुल्तान
वाल्मीकि, आर्य प्रतिनिधि सभा के कन्हैयालाल व देवदत्त शर्मा को सदस्य के
रुप में शामिल किया गया। पवन कुमार ने बताया कि मेवात क्षेत्र में स्कूल
जाने वाली बच्चियों और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाली घटनाओं में
वृद्धि होती जा रही है। जब पीडि़त इसकी शिकायत जिला प्रशासन से करते हैं
तो आरोपियों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाती। उनका कहना है
कि जबरन धर्मांतरण की घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है। इतना ही नहीं उनके
श्मशान घाटों पर भी कब्जा किया जा रहा है। उनका कहना है कि इन मामलों की
विभिन्न संस्थाओं द्वारा जांच भी की गई, जिसकी रिपोर्ट प्रदेश के
मुख्यमंत्री तक भी पहुंचा दी गई, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।
उनका कहना है कि पहले तो पीडि़तों की शिकायत ही दर्ज नहीं होती, यदि दर्ज
हो भी जाए तो उन पर कार्यवाही नहीं होती। ऐसे तत्वों के समक्ष जिला
प्रशासन भी असहाय प्रतीत हो रहा है। समिति इन मामलों की अपने स्तर पर और
अधिक जांच भी करेगी। उनका कहना है कि मेवात क्षेत्र में जो घटनाएं घटित
हुई हैं, उनसे संबंधित जांच रिपोर्ट प्रदेश सरकार, अनुसूचित जाति आयोग व
केंद्र सरकार के गृहमत्री को दी जाएंगी, जिससे मेवात में कानून का राज
स्थापित हो सके और पीडि़तों को न्याय मिल सके। इस अवसर पर महावीर
भारद्वाज, अनिल कश्यप आदि भी शामिल रहे।
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