गुडग़ांव, वैश्विक कोरोना वायरस का प्रकोप गुडग़ांव में कम
होता दिखाई नहीं दे रहा है। कोरोना से बचाने के लिए लॉकडाउन चल रहा है।
चौथे चरण का लॉकडाउन भी समाप्ति की ओर है, लेकिन गुडग़ांव में नित नए बड़ी
संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। चौथे चरण के लॉकडाउन के 13वें
दिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों स्थित बाजार जिला प्रशासन के
दिशा-निर्देशों के अनुसार खुले। अपनी जरुरत का सामान लेने के लिए लोग सदर
बाजार व विभिन्न सैक्टरों की मार्किट में भी पहुंचे। शनिवार होने के कारण
सरकारी कार्यालयों में अवकाश था। इसलिए शहर की विभिन्न सडक़ों पर भी लोगों
का आवागमन कम ही दिखाई दिया। पिछले एक सप्ताह से प्रचंड गर्मी पड़ रही
थी। इस गर्मी ने लोगों को झुलसा कर रख दिया था, लेकिन बीती देर रात
बूंदाबांदी हो जाने के कारण साईबरसिटीवासियों को बढ़ती गर्मी से राहत
अवश्य मिली है। उधर जिला अदालतें भी लॉकडाउन के चलते बंद पड़ी हैं। जिला
अदालत परिसर के एक मुख्य द्वार को छोडक़र सभी द्वारों को बंद किया हुआ
है। गेट नंबर एक से ही अदालत परिसर में जांच के बाद ही प्रवेश करने दिया
जा रहा है। पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर जिला अदालतों में
आवश्यक कार्य निपटाने के लिए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों की
अदालत लगाई गई हैं जिनकी संख्या 4 बताई जाती है। इसी प्रकार ज्यूडिशियल
मजिस्टे्रट की भी कुछ अदालतें आवश्यक कार्यों के लिए चल रही हैं। अन्य
मामलों में लंबी तारीखें ही दी जा रही हैं। कुछ आवश्यक कार्य अदालतें
वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से भी कर रही हैं। लॉकडाउन का चौथा चरण आज
रविवार को समाप्त होने जा रहा है। पांचवे चरण का लॉकडाउन शुरु होगा या
नहीं इस पर भी शनिवार को चर्चा चलती रही। जिला प्रशासन ने दिल्ली-गुडग़ांव
सीमाओं पर कोरोना पॉजिटिव के बढऩे से फिर से सख्ती करनी शुरु कर दी है।
दिल्ली से गुडग़ांव सीमा में बिना वैध पास के किसी को भी नहीं आने दिया जा
रहा है। उद्योग विहार दिल्ली सीमा से सटा हुआ है। इस क्षेत्र में अधिकांश
श्रमिक दिल्ली क्षेत्र से ही आते हैं, लेकिन इन श्रमिकों को भी बिना वैध
पास के आने नहीं दिया जा रहा है। ये श्रमिक प्रतिदिन दिल्ली-गुडग़ांव सीमा
पर प्रात: एकत्रित हो जाते हैं, लेकिन उन्हें समझा-बुझाकर ही वापिस किया
जा रहा है कि जब तक उनके पास वैध पास नहीं होगा, उन्हें जाने नहीं दिया
जाएगा। इस प्रकार उद्योग विहार क्षेत्र स्थित प्रतिष्ठानों में श्रमिकों
की कमी बनी हुई है।
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