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भवन निर्माण के मजदूरों को नहीं मिल पाई कोई आर्थिक सहायता मिनी सचिवालय पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

गुडग़ांव, असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत भवन निर्माण
मजदूरों को कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा किसी भी
प्रकार की सहायता न मिलने व अन्य समस्याओं की समाधान के लिए भवन निर्माण
कारीगर मजदूर यूनियन ने बुधवार को मिनी सचिवालय पर प्रदर्शन कर
मुख्यमंंत्री के नाम प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। धरना प्रदर्शन
का नेतृत्व कर रहे श्रमिक संगठन एआईयूटीयूसी राजकुमार व हेमराज का कहना
है कि संगठन ने धरना प्रदर्शन की पहले से ही घोषणा की हुई थी। प्रदेश के
अन्य जिला मुख्यालयों पर भी इस प्रकार के धरना प्रदर्शनों का आयोजन किया
गया। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने लॉकडाउन
के दौरान भवन निर्माण के मजदूरों को एक हजार रुपए प्रति सप्ताह देने की
घोषणा की थी, लेकिन अधिकांश मजदूर इस सहायता से वंचित रह गए हैं। उनका
कहना है कि मजदूरों को मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना में डाल दिया
गया है। इस प्रकार ये सभी मजदूर इस सहायता राशि से वंचित रह गए हैं।
मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत भी इन मजदूरों को सहायता राशि
नहीं मिल पाई है। क्योंकि जब आधार लिंक किया जाता है तो स्टेटस पर
वेरिफाईड पैंडिंग पैमेंट लिखा आता है। इन श्रमिक नेताओं का कहना है कि
भवन निर्माण के पंजीकृत मजदूरों के आधार कार्ड लिंक करते हैं तो उसमें
एक-एक हजार रुपए की 5 किश्तें दिखाई पड़ती हैं, लेकिन जब बैंक से पैसे
निकलवाने के लिए ये मजदूर जाते हैं तो उसके अकाउंट में यह धनराशि आई नहीं
मिलती। इस प्रकार ये सभी परिवार सहायता राशि से वंचित रह गए हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस मामले में वे हस्तक्षेप
करें और मजदूरों को यह धनराशि दिलवाएं। उन्होंने मजदूरों के पंजीकरण करने
की प्रक्रिया को भी सरल बनाने का आग्रह सरकार से किया है। धरना प्रदर्शन
में श्रमिक रामकिशन, अशोक, बीणा, ओमप्रकाश, हेमचंद, पवन, रोशनी आदि भी
शामिल रही।

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