गुडग़ांव, विश्व संवाद केंद्र द्वारा सृष्टि के प्रथम
पत्रकार देवऋषि नारद की जयंती का आयोजन किया गया, जिसमें समाजसेवी व
बुद्धिजीवी बड़ी संख्या में जुड़े। प्रफुल्ल केतकर इस आयोजन में मुख्य
रुप से शामिल हुए थे। उन्होंने ऋषि नारद के चित्र पर पुष्प अर्पित करते
हुए कहा कि सृष्टि के प्रथम पत्रकार होने का गौरव नारद जी को ही है।
पत्रकारों के लिए सकारात्मक पत्रकारिता ही असली धर्म है। सार्थक व
तथ्यात्मक समाचार ही समाज को सही राह दिखा सकता है। आधुनिकता के इस दौर
में व बदलते परिवेश मे पत्रकारों के सामने बड़ी चुनौतियां आने वाली हैं।
ऐसे में पत्रकारिता का महत्व और दायित्व अधिक बढ़ जाता है। आज पूरा विश्व
कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। इस बीमारी की भयावह तस्वीर दिखाने की
बजाय यदि संवेदनशीलता के साथ सकारात्मकता के समाचार राष्ट्र के लिए अधिक
हितकारी साबित होंगे। उनका कहना है कि सृष्टि के प्रथम पत्रकार देवऋषि
नारद जी से प्रेरणा लेकर भविष्य में पत्रकारिता करने का पत्रकारों को
संकल्प लेना चाहिए। देवऋषि नारद ने सर्वदा जनकल्याण के लिए अपनी
संवादशैली का सदुपयोग किया था। आज नकारात्मक पत्रकारिता ही नहीं, अपितु
देवऋषि नारद की भांति जनकल्याण के लिए पत्रकार की भूमिका निभानी होगी।
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