गुडग़ांव, श्रमिकों की समस्याओं का समाधान न होने व श्रम
कानूनों में सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को वापिस लेने की मांग को लेकर
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर सभी श्रमिक संगठनों ने शुक्रवार को
मिनी सचिवालय पर अनशन कर प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम
जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। श्रमिक यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने
वाली ट्रेड यूनियन काउंसिल की अध्यक्षता में अनशन का आयोजन किया गया था।
सामाजिक दूरी का पालन करते हुए श्रमिक यूनियनों के पदाधिकारी व सदस्य
अनशन में शामिल हुए। काउंसिल के सक्रिय सदस्य कामरेड अनिल पंवार, कामरेड
सतबीर सिंह, अमित यादव, जसपाल राणा व कुलदीप जांघू सहित श्रमिक नेताओं ने
अनशनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने
के लिए देश में लॉकडाउन चल रहा है, जिसके चलते मजदूर, कर्मचारी व किसान
हताश तथा परेशान हैं। मजदूरों को अपने गांव जाने के लिए जहां अपनी जान
गंवानी पड़ रही है, वहीं प्रदेश सरकारें पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के
लिए श्रम कानूनों में बदलाव कर रही हैं। सरकार ने घोषणा की थी कि लॉकडाउन
की अवधि का श्रम मजदूरों व कर्मचारियों को वेतन मिलेगा, लेकिन बहुत सी
कंपनी प्रबंधनें इस अवधि का श्रमिकों को वेतन नहीं दे रही हैं और सरकारी
आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। संगठित व असंगठित क्षेत्र के
मजदूरों को किसी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई है। लॉकडाउन के
बहाने श्रमिकों को नौकरी से निकाला जा रहा है, जिससे श्रमिकों में रोष
व्याप्त होता जा रहा है। उन्होंने ज्ञापन में मांग की है कि श्रमिकों को
लॉकडाउन की अवधि का पूरा वेतन दिलाया जाए, श्रम कानूनों में जो संशोधन
किए गए हैं उन्हें वापिस लिया जाए तथा श्रमिकों को आर्थिक सहायता भी
दिलाई जाए। अनशन में श्रमिक नेता बीएस यादव, सुरेश नेहरा, एसएन दहिया,
कंवरलाल यादव, बजीर सिंह, श्यामवीर, राजू चौहान, शिव कुमार, हरी प्रकाश,
श्रवण कुमार, अजीत कुमार आदि शामिल हुए।
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