गुडग़ांव, आखिरी जुम्मे पर आज रोजेदार नमाज अता कर जहां
अमन-चैन की अल्लाह से दुआ मांगेगे, वहीं कोरोना से निजात दिलाने के लिए
भी अल्लाह से दुआ की जाएगी। कोरोना वायरस के चलते सभी मस्जिदें व ईदगाह
बंद हैं। इसलिए रोजेदार सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अपने घरों में ही
रमजान की नमाज अता करते आ रहे हैं। जुम्मे की नमाज भी रोजेदार अपने घरों
में ही अता करेंगे। सोहना चौक स्थित जामा मस्जिद के इमाम जान मोहम्मद का
कहना है कि रोजा रखने से शरीर को विकारों से दूर करने में मदद मिलती है।
उनका कहना है कि रमजान का जितना धार्मिक महत्व है, उतना ही वैज्ञानिक
महत्व भी है। रोजे रखने से रोजेदार की दिनचर्या व्यवस्थित हो जाती है।
इसमें रोजेदार को भूख-प्यास की अहमियत का पता चलता है। उनके मन में शांति
रखने की भावना जागृत होती है। रमजान के माह में रोजेदारों को जो सीख दी
जाती है, उसका पालन बचे हुए 11 महीनों में भी करना चाहिए। उनका कहना है
कि आज 28वें रोजे पर आखिरी जुम्मा है, जिसमें सहरी का समय प्रात: 3 बजकर
54 मिनट व इफ्तार का समय सायं 7 बजकर 10 मिनट पर होगा।
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