गुडग़ांव,
वैश्विक कोरोना वायरस से बचाव के प्रयास में
हर कोई जुटा हुआ है। कोरोना से बचाव के प्रयास में शहरी व ग्रामीण
क्षेत्रों में रहने वाले लोग लॉकडाउन का पूरा पालन कर रहे हैं। दूसरे चरण
के लॉकडाउन के 12वें दिन भी शहर की मुख्य सडक़ों, राजमार्ग सुनसान दिखाई
दिए। प्रशासन द्वारा जारी किए गए पास धारक ही आते-जाते दिखाई दिए।
हालांकि इन पासधारकों से भी बेरिकेट पर तैनात पुलिसकर्मी पूछताछ करने के
बाद ही जाने की इजाजत देते दिखाई दिए। पासधारकों की संख्या भी
दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिससे सडक़ों पर वाहनों की भारी भीड़ लगनी
शुरु हो गई है। ऐसे में जिला प्रशासन पास जारी करने की नीति में बदलाव का
प्रयास कर रहा है कि जिसको अधिक जरुरत होने पर ही दिशा-निर्देशों का पालन
करते हुए पास जारी किए जाएंगे। हालांकि जिला प्रशासन लॉकडाउन का पूरा
पालन कराने में जुटा है, लेकिन फिर भी कुछ कालोनियों में लोग बेवजह ही
झुण्ड के झुण्ड बनाकर खड़े दिखाई देने शुरु हो गए हैं। ऐसे लोगों के
प्रति क्षेत्र की पुलिस ने भी सख्ती करनी शुरु कर दी है। दूसरे प्रदेशों
में फंसे हरियाणा प्रदेश के लोगों को लाने की कार्यवाही भी शुरु हो चुकी
है। गत दिवस राजस्थान के कोटा से 70 छात्रों को प्रदेश की परिवहन बसों से
गुडग़ांव लाया गया और उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया। इसी प्रकार गुडग़ांव
जिले में रह रहे प्रवाासी श्रमिकों को उनके गंतव्य प्रदेशों में भेजने की
व्यवस्था भी प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन के माध्यम से करानी शुरु कर दी
है। सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। गत दिवस 4 कोरोना पॉजिटिव
मिलने से लोगों में बैचेनी भी बढ़ती दिखाई दे रही है। जिले में अब तक कुल
51 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। मेवात के बाद गुडग़ांव दूसरे नंबर पर है,
जिसे रेड जोन में शामिल किया गया है। कोरोना पॉजिटिव की संख्या न बढ़े
इसके लिए हरियाणा दिल्ली सीमा को भी सील कर दिया गया है, क्योंकि बड़ी
संख्या में हरियाणा व दिल्ली से सरकारी कर्मी अपनी ड्यूटी पर आते-जाते
हैं। कोरोना से पीडि़त जिले गुडग़ांव, फरीदाबाद, पलवल, सोनीपत, दिल्ली
सीमा से ही लगते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार
ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ आवश्यक सेवाओं की दुकानें अवश्य खोली गई हैं,
लेकिन जिन क्षेत्रों को कोरोना पीडि़तों को लेकर सील किया हुआ है उन
क्षेत्रों में दुकानें नहीं खोली गई हैं। शहर के मुख्य बाजार भी बंद ही
हैं। औद्योगिक क्षेत्रों में जिन प्रतिष्ठानों को आवश्यक शर्तों के
अनुसार खोलने की छूट दी गई थी, उनमें भी स्थिति स्पष्ट नहीं हैं। आईएमटी
मानेसर स्थित मारुति सुजूकी प्लांट को खोलने की अनुमति जिला प्रशासन ने
दे दी थी, लेकिन कंपनी प्रबंधन ने जब तक उत्पादन शुरु करने में असमर्थता
प्रकट की है, तब तक कि प्रतिष्ठान से जुड़े ज्वाइंट वैंचर्स में काम शुरु
नहीं हो जाता और डीलर्स के शोरुम नहीं खुल जाते। प्रबंधन का यह मानना भी
है कि जब वाहनों की बिक्री ही नहीं होगी तो उत्पादन शुरु करने का कोई
औचित्य नहीं बनता।
Comment here