गुडग़ांव, वैश्विक कोरोना वायरस एक भयानक बीमारी है,
जिसने पूरे विश्व में ही तबाही मचाकर रख दी है। पूरा विश्व इस बीमारी की
चपेट में आया हुआ है। विश्व के अन्य देशों के वैज्ञानिक भी कोरोना वायरस
से बचाव के लिए दवाई आदि तैयार करने में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी कोई ऐसी
औषधि नहीं खोजी गई जो कोरोना वायरस से निजात दिला सके। सामाजिक संस्था
भगवान श्रीपरशुराम सेवादल के अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा एडवोकेट का कहना
है कि हमारे देश में युवा वैज्ञानिकों की कोई कमी नहीं है। सरकार को
चाहिए कि इन वैज्ञानिकों को सहयोग करें, ताकि वे कोरोना वायरस के लिए
एंटी वायरस तैयार कर सकें। उनका कहना है कि कोरोना वायरवस से बचाव के लिए
लॉकडाउन कोई स्थायी समाधान नहीं है। रामभरोसे कब तक रहेंगे। देश में
शोधकर्ताओं की कोई कमी नहीं है। इन्हें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते
हुए एंटी वायरस तैयार करना चाहिए। उनका यह भी कहना है कि देश में
आयुर्वेदिक पद्धति का प्रचलन भी बहुत प्राचीन है। लेकिन इस पद्धति को
समुचित सहयोग नहीं मिल सका, जिससे यह पद्धति दम तोड़ती नजर आ रही है।
भारत एक विकासशील देश है। उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस को जड़ से खत्म करने के
लिए ठोस कदम उठाए जाएं और वैज्ञानिकों से एंटी वायरस तैयार कराया जाए,
ताकि देश के हर नागरिक में यह विश्वास पैदा हो कि कोरोना वायरस की दवा
तैयार हो गई है। इस कार्य में युवा वैज्ञानिकों को हर तरह से सहयोग किया
जाए।
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