गुडग़ांव, वैश्विक कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरे देश
में लॉकडाउन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की हुई है।
गुडग़ांव में लॉकडाउन के 18वें दिन भी शहरी क्षेत्र में ही नहीं, अपितु
ग्रामीण क्षेत्रों, राष्ट्रीय राजमार्ग भी सुनसान दिखाई दिए। इन मार्गों
पर आवाजाही नाममात्र की ही रही। लॉकडाउन का पालन कराने के लिए राष्ट्रीय
राजमार्ग पर ही नहीं, अपितु शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की मुख्य सडक़ों पर
चौराहों पर संबंधित थाना पुलिस द्वारा बेरिकेट्स लगाकर आने-जाने वाले
वाहन सवारों से पुलिसकर्मी पूछताछ करते दिखाई दिए। लॉकडाउन का पालन कराने
के लिए अब पुलिसकर्मी सख्ती भी बरत रहे हैं। पुलिसकर्मियों का मानना है
कि वे अपनी जान-जोखिम में डालकर चौबीसों घंटे ड्यूटी दे रहे हैं तो आम
आदमी को भी उन्हें सहयोग करना चाहिए। बिना काम के घरों से न निकलें, इससे
पुलिस की परेशानियां बढ़ जाती हैं और उन्हें सख्ती करने पर मजबूर होना
पड़ता है। कुछ लापरवाही लोग अभी भी लॉकडाउन का पालन करने में अपनी तौहीन
समझ रहे हैं। ऐसे में उनके साथ सख्ती से पेश आना चाहिए। शहरी क्षेत्र में
कई स्थानों पर झुग्गियां बड़ी संख्या में हैं। इन क्षेत्रों में लॉकडाउन
के पालन की धज्जियां भी उड़ाई जा रही हैं। सैक्टर 9 व सूर्य विहार कालोनी
के मध्य बसी झुग्गियां क्षेत्रवासियों की परेशानियों का सबव बनी हुई हैं।
बताया जाता है कि ये झुग्गीवासी पूरे दिन झुग्गियों से निकलकर खुले में
घूमते रहते हैं, जिससे लॉकडाउन का पालन नहीं हो रहा है और क्षेत्रवासियों
को कोरोना वायरस के प्रकोप का भय भी सताने लगा है। उनका कहना है कि इस
प्रकार के क्षेत्रों में पुलिस की गश्त बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि लॉकडाउन
का पूरा पालन हो सके और लोग कोरोना के संभावित प्रकोप से बच सकें।
जरुरतमंदों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने का बीड़ा जिला प्रशासन ने
स्वंयसेवी संस्थाओं के सहयोग से उठाया हुआ है। प्रतिदिन जरुरतमंदों को
राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। कुछ क्षेत्रों में राहत सामग्री
वितरण में भेदभाव करने की सूचना भी प्राप्त हो रही हैं। जिला प्रशासन को
ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि सभी जरुरतमंदों को राहत
सामग्री मिल सके। उधर जिला प्रशासन ने मुनाफाखोरों के खिलाफ भी अभियान
छेड़ा हुआ है, जिनमें कई दुकानों के चालान भी किए जा चुके हैं। जिला
प्रशासन ने इन दुकानदारों को चेताया हुआ है कि यदि कहीं भी गड़बड़ मिलती
है तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
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