गुडग़ांव, चैत्र नवरात्रों पर श्रद्धालुओं द्वारा छठे
दिन सोमवार को घरों में मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूरे
विधि विधान के अनुसार पूजा अर्चना की। कोरोना के चलते शहर के सभी मंदिरों
को बंद किया हुआ है, जिसके कारण मंदिरों में श्रद्धालु दिखाई नहीं दे रहे
हैं। श्रद्धालु अपने घरों पर ही मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर
सुख-समृद्धि की कामना करते दिखाई दे रहे हैं। मंदिरों में पुजारी ही
प्रात: व सायं की आरती करते हुए दिखाई दे रहे हैं। पंडित मुकेश शर्मा का
कहना है कि महर्षि कत के पुत्र ऋषि कात्य के गोत्र में पैदा हुए महर्षि
कात्यायन ने भगवती पराम्बा की घोर उपासना करते हुए उनसे अपने घर में जन्म
लेने का अनुरोध किया था। कात्यायन की उपासना व महिषासुर के बढते उत्पात
से ब्रह्मा, विष्णु व महेश के तेज के अंश से मां कात्यायनी ने महर्षि
कात्यायन की पुत्री के रूप में जन्म लिया था। शहर की विभिन्न कालोनियों
में भी श्रद्धालु हवन-यज्ञ का आयोजन करते दिखाई दे रहे हैं, जिसमें केवल
परिजन भी शामिल हो रहे हैं।
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