गुरुग्राम। मां दुर्गा के 8वें नवरात्रे पर आज मंगलवार को जहां श्रद्धालु मां दुर्गा के 8वें स्वरुप मां महागौरी की पूजा अर्चना करेंगे, वहीं कुछ श्रद्धालु अष्टमी पर मां महागौरी की पूजा-अर्चना कर अपने व्रतों का समापन भी कंजिकाओं को भोजन कराकर करेंगे। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि महागौरी का रंग पूर्णत: गौर है। उनके गौर रंग की उपमा शंख, चन्द्र और कुंद के फूूल से की गई है। मां के समस्त वस्त्र एवं आभूषण आदि भी श्वेत हैं, इनकी 4 भुजाएं हैं और इनका वाहन वृषभ है, मां के ऊपर के दाहिना हाथ अभय मुद्रा में और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है तथा ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में हैं। मां की मुद्रा अत्यंत शांत है। कहा जाता है कि अपने पार्वती के रूप में मां महागौरी ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए बड़ी कठोर तपस्या की थी। जिसके कारण इनका शरीर एकदम काला पड़ गया था। इनकी तपस्या से प्रसन्न और संतुष्ट होकर भोले शंकर महादेव ने इनके पवित्र शरीर को गंगा जी के पवित्र जल से मल कर धोया तब वह विद्युत के समान गौर हो उठा तभी से इन माता का नाम महागौरी पड़ा। मां की शक्ति अमोघ और फलदायिनी है, इनकी उपासना से भक्तों के सभी कलंक धुल जाते हैं और उनके पाप भी नष्ट हो जाते हैं तथा भविष्य में मां के उपासकों के पास पाप, संताप दयनीय दुख कभी भी फटक नहीं पाते। उपासकों को मां का पूजन शुद्ध मन से पूरे विधि-विधान से करना चाहिए। मां भक्तों का कष्ट अवश्य दूर करती है।
8वें नवरात्रे पर उपासक करेंगे मां महागौरी की उपासना
