गुरुग्राम। धार्मिक संस्था अखंड संकीर्तन मंच द्वारा सैक्टर 9ए स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर परिसर मेें आयोजित की जा रही श्रीमदभागवत ज्ञान यज्ञ के 7वें दिन काशी की कथाव्यास आराधना देवी ने श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र के प्रसंग का संगीतमय शैली में वर्णन किया। कथावाचक ने कहा कि सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते है। बाल व्यास ने भक्तों को कथा रसपान कराते हुए कहा कि हमेशा धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए, भगवान हमेशा सच्चे भक्तों में ही वास करते हैं। सुदामा चरित्र का बखान करते हुए कहा कि संसार में मित्रता भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए। जिनकी कथा में सश्ची मित्रता दर्शाई गई है। आधुनिक युग में स्वार्थ के लिए लोग एक दूसरे के साथ मित्रता करते हैं और काम निकल जाने पर लोग एक दूसरे को भूल जाते हैं। जीवन में प्रत्येक प्राणी को परमात्मा से एक रिश्ता जरूर बनाना चाहिए। भगवान से बनाया गया वह रिश्ता जीव को मोक्ष की ओर ले जाएगा। सुदामा ने विपरीत परिस्थितियों में अपने सखा कृष्ण का चिंतन और स्मरण नहीं छोड़ा। जिसके फलस्वरूप कृष्ण ने भी सुदामा को परम पद प्रदान किया। संस्था के प्रवक्ता एसके तिवारी ने बताया किआयोजन को सफल बनाने में पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं व क्षेत्र के गणमान्य लोगों को संस्था ने कथावाचक के माध्यम से सम्मानित भी कराया।
7 दिवसीय भागवत कथा का हुआ समापन
