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474 साल बाद रक्षाबंधन पर बन रहा है गज केसरी योग का संयोग

गुरुग्राम, भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन
पर्व आज रविवार को धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसमें बहनें अपने भाईयों की
दीर्घायु की कामना करते हुए राखी बांधेंगी और  अपनी रक्षा करने का वचन भी
लेंगी कि भाई उनकी रक्षा समय-समय पर करेंगे। कोरोना महामारी को देखते हुए
इस पर्व को मनाने में थोड़ी सावधानियां भी बरतनी होंगी। बहनों व भाईयों
को सैनिटाइजर कर मास्क लगाते हुए उचित दूरी बनानी होगी। ज्योतिषाचार्य
डा. पंडित मनोज शर्मा का कहना है कि इस वर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार राजयोग
में मनाया जाएगा। हिंदू पंचाग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि पर
रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व बहुत ही शुभ योग और
भद्रा रहित काल में है। भद्रा रहित काल में भाई की कलाई में राखी बांधने
से भाई को कार्य सिद्धि और विजय प्राप्त होती है। 474 साल बाद रक्षाबंधन
पर यह संयोग बन रहा है। बहनें अपने भाईयों को पूरे दिन राखी बांध सकेंगी।
उनका कहना है कि राखी पर इस बार चंद्रमा कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे और
गुरु कुंभ राशि में ही वक्री चाल में मौजूद हैं। ज्योतिष में इस गज केसरी
योग को बहुत ही शुभ माना गया है। इस योग में किए जाने वाले कार्यों के
परिणाम अच्छे प्राप्त होते हैं। उनका कहना है कि रक्षाबंधन के दिन 3
गृहों का ऐसा संयोग 474 साल के बाद बन रहा है। उनका कहना है कि बहनों को
अपने भाईयों को रक्षासूत्र पहनाना चाहिए। बहनों को लाल रोली, केसर या
कुमकुम से अपने भाईयों का तिलक करना चाहिए और उनकी दीर्घायु की कामना
करनी चाहिए तथा भाईयों को भी चाहिए कि वे अपनी बहन को अपनी सामथ्र्यनुसार
उपहार अवश्य ही दें।

Comments (1)

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