गुडग़ांव, वैश्विक कोरोना
वायरस ने वाकई में इतिहास
बदलकर रख दिया है। एक और जहां मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, शिवालय व आश्रम
आदि धार्मिक स्थल बंद पड़े हैं, वहीं पहली बार आने वाले रमजान के दिनों
में समुदाय के लोग घरों पर ही नमाज पढ़ेंगे। सहरी व इफ्तार का समय
संबंधित क्षेत्रों के इमामों द्वारा बता दिया जाएगा। रमजान का मुबारक
चांद आगामी 24 अप्रैल को देखे जाने की उम्मीद है, जिससे अगले ही दिन यानि
कि 25 अप्रैल से रमजान का माह शुरु हो जाएगा। सोहना चौक स्थित जामा
मस्जिद के इमाम जान मोहम्मद का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन
की घोषणा की हुई है। इसलिए समुदाय के लोग लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने
घरों में ही नमाज अता करेंगे। पहले यह विशेष नमाज जिसे तराबीही कहा जाता
है, यह समूह के रुप में मस्जिद में ही अता की जाती थी। लेकि वफ्फ बोर्ड
ने लिया है कि तराबीही की नमाज घर पर ही अता की जाएगी। उनका कहना है कि
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गत दिवस
वफ्फ बोर्ड के अध्यक्षों से रमजान को लेकर चर्चा की थी और सभी की सहमति
से यह निर्णय लिया गया है कि तराबीही की नमाज समुदाय के लोग अपने घरों
में ही अता करें। उनका कहना है कि समुदाय के लोग कोरोना से जंग में पीछे
नहीं हैं और वे सरकार के सभी दिशा-निर्देशों का पालन भी करेंगे। उनका
कहना है कि समुदाय के लोगों से भी अपील की जा रही है कि वे लॉकडाउन का
पूरी तरह से पालन करें और माह ए रमजान में परिवार के सदस्यों के साथ
सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए घरों में नमाज अता करें। सहरी व
इफ्तार के समय रमजान शुरु होने पर बता दिया जाएगा। समुदाय के लोग माह ए
रमजान में 5 वक्त की प्रतिदिन नमाज अता करते रहे हैं। यदि लॉकडाउन 3 मई
के बाद भी बढ़ता है तो ईद-उल-फितर की नमाज भी समुदाय के लोगों को घर में
ही अता करनी पड़ सकती है। सभी मुस्लिम धर्म गुरु भी समुदाय के लोगों को
संदेश भेजकर अपील कर रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान मस्जिदों में प्रवेश
पूरी तरह से बंद है। जिला प्रशासन के आदेशों का वे पालन करें। इसी प्रकार
की अपील शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों स्थित मस्जिदों के इमामों ने भी समुदाय
के लोगों से की है। जामा मस्जिद के आस-पास की सभी दुकानें लॉकडाउन के
चलते बंद पड़ी हैं। जहां पहले सैंवई व खाद्य पदार्थों तथा रमजान के दौरान
इस्तेमाल होने वाले खाद्य सामग्रियों की दुकानें सजी रहती थी, अब लॉकडाउन
के चलते पूरे क्षेत्र में सन्नाटा छाया हुआ है।
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