गुडग़ांव, देश की राजधानी दिल्ली व एनसीआर से लगते अन्य
प्रदेशों में वायु प्रदूषण जबरदस्त रुप से फैला हुआ है। लोग खुली हवा में
सांस नहीं ले पा रहे हैं। प्रदूषण के कारण विभिन्न बीमारियों का शिकार भी
लोगों को होना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार ने भी ३ दिन के लिए स्कूल, कॉलेज
बंद किए हुए हैं। लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे वाहनों का कम से
कम इस्तेमाल करें व अपने घरों से ही वर्क फ्रॉम होम करें। दिल्ली में भी
ऐसा ही हाल है। लॉकडाउन लगने से यह संभव नहीं है कि लोग खुली हवा में
सांस ले पाएंगे। क्योंकि इसका पालन कराया जाना भी जरुरी है। केंद्र सरकार
को बढ़ते प्रदूषण से मुक्ति दिलाने में हस्तक्षेप करना चाहिए। केंद्र
सरकार से मांग की है कि प्रदूषण से उत्पन्न हुई समस्या का समाधान कराया
जाए। उक्त मांग भ्रष्टाचार उन्मूलन में जुटी क्राईम रिफार्मर एसोसिएशन के
राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संदीप कटारिया ने की है। उनका कहना है कि वायु
प्रदूषण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय भी चिंतित है। सर्वोच्च न्यायालय ने
दिल्ली सरकार को निर्देश दिए हैं कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए जो
भी संभव हो वह किया जाए। सर्दियों के मौसम में देश में प्रतिवर्ष दिल्ली
व आस-पास के क्षेत्रों में प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है। प्रदूषण का
स्तर दीपावली पर्व के बाद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली
सरकार ने दिल्ली में लॉकडाउन लगाने की बात भी कही है। डा. कटारिया का
कहना है कि यह तभी कारगर साबित हो पाएगा जब प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के
लिए पूरे एनसीआर में लॉकडाउन लागू किया जाए। हालांकि दिल्ली सरकार
समय-समय पर बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई योजनाएं भी लागू
कर चुकी है। जहां शिक्षण संस्थाएं व निर्माण कार्य आज तक के लिए बंद कराए
गए हैं, वहीं प्रदूषण से बचाव के लिए अन्य कई कदम भी उठाए हैं। डा.
कटारिया का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण कम होगा तो एनसीआर में भी इसका
प्रभाव अवश्य पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि दिल्ली
की सेहत में सुधार के साथ ही दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए वह
समुचित कार्यवाही करे ताकि लोग खुली हवा में सांस ले सकें।
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