गुडग़ांव। दीन-दुखियों की सेवा करने के लिए भारत देश प्राचीन काल से ही आगे रहा है। जरुरतमंद समाज की सहायता करना देशवासियों का परमलक्ष्य रहा है। इसी को चरितार्थ करते हुए करुणाश्रय कार्यक्रम के तहत सुशांत विश्वविद्यालय के छात्रों ने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ कार्य कर अपना सामाजिक दायित्व निभाया। विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रो. डा. गीतू सिंघल ने बताया कि 170 छात्रों ने एक सप्ताह की इंटर्नशिप 6 संस्थाओं द नियोफ्यूजन इंडिया, द अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन, एआईसीएपीडीआर, ड्रीम गर्ल फाउंडेशन, उड्डयन ब्वायज तथा सलाम बालक ट्रस्ट, आरुषि होम में कराई गई।
उन्होंने बताया कि इस दौरान छात्रों ने अपने सामाजिक सरोकारों का निर्वाह करते हुए इन संस्थाओं में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों की जीवनशैली व उनकी समस्याओं का निकट से अध्ययन किया। डा. गीतू का कहना है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य था कि छात्र अभावों में जीवन-यापन कर रहे छात्रों की समस्याओं को निकट से देखें और उनमें उन्हें दूर करने की भावना भी उत्पन्न हो। उनका कहना है कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से जहां छात्रों का चहुमुंखी विकास होगा, वहीं वे अधिक संवेदनशील नागरिक बन सकेंगे।
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