गुडग़ांव, धर्म बदलकर दूसरे समुदाय से प्रेम विवाह करने
वाली पीडि़ता के मामले की सुनवाई करते हुए ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अपर्णा
चौधरी की अदालत ने पीडि़ता को सहयोग करने वाली संस्था फरिश्ते गु्रप की
कानूनी सलाहकार डा. अंजूरावत नेगी, कुलभूषण भारद्वाज व पंकज वर्मा के
आग्रह पर पीडि़ता को सिविल लाइन क्षेत्र स्थित कामकाजी महिला हॉस्टल में
रहने के आदेश दिए थे। महिला अपने 10 माह की बच्ची के साथ हॉस्टल में रह
रही है, लेकिन उसकी परेशानियां फिर भी कम नहीं हुई हैं। पीडि़ता का कहना
है कि उसे हॉस्टल से बाहर काम काज के लिए नहीं जाने दिया जा रहा है। उसने
रैडक्रॉस के सचिव को भी पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि उसे हॉस्टल से बाहर
जाने की अनुमति दी जाए, ताकि वह रोजगार तलाश कर बच्ची का पालन-पोषण कर
सके, लेकिन सचिव की ओर से भी उसे कोई संतोषजनक जबाव नहीं मिला है। संस्था
के चेयरमैन पंकज वर्मा व डा. अंजूरावत नेगी का कहना है कि अदालत ने अपने
आदेश में यह कहीं भी नहीं लिखा है कि पीडि़ता को हॉस्टल से बाहर न जाने
दिया जाए। हॉस्टल प्रबंधन नाहक ही पीडि़ता को परेशान कर रही है। उनका
कहना है कि महिला अपना कोई रोजगार तलाश करेगी तो तभी वह अपनी बच्ची का
पालन-पोषण कर सकेगी। हालांकि संस्था उसको पूरा सहयोग कर रही है। रैडक्रॉस
सचिव से जब संस्था ने इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि वह अपने
उच्चाधिकारियों से बात कर कोई निर्णय लेंगे। रैडक्रॉस सचिव से मोबाइल पर
संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव ही नहीं किया।
गौरतलब है कि 2 वर्ष पूर्व राजस्थान मूल की एक युवती ने समुदाय विशेष के
एक तथाकथित चिकित्सक से प्रेम विवाह किया था। कुछ समय बाद ही चिकित्सक
द्वारा युवती को प्रताडि़त करना शुरु कर दिया गया था। युवती ने चिकित्सक
पर आरोप लगाए हुए हैं कि वह उसे एक औजार की तरह इस्तेमाल करता था और उसे
डरा-धमका कर अन्य लोगों पर झूठे दुष्कर्म के मामले भी दर्ज कराए थे,
जिनमें वह समझौता कर लेता था। ये मामले अदालत तक पहुंच ही नहीं पाते थे।
चिकित्सक ने एक जज के ऊपर भी दुष्कर्म करने के आरोप लगाए थे, जिसमें उच्च
न्यायालय ने संज्ञान लिया था और यह मामला झूठा निकला था। पीडि़ता की
शिकायत पर ही पुलिस ने आरोपी चिकित्सक को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया है।
वह जिला जेल में बंद है।
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