गुडग़ांव, कोरोना वायरस
के चलते श्रद्धालुओं ने अपने
घरों में ही हनुमान जयंती का पर्व मनाया। कोरोना वायरस के चलते शहरी व
ग्रामीण क्षेत्रों स्थित मंदिर, शिवालय व आश्रम श्रद्धालुओं के लिए बंद
किए हुए हैं। कथावाचक डा. पंडित मनोज शर्मा का कहना है कि हनुमान जी को
अमरत्व का वरदान प्राप्त है, इसलिए उनके जन्मोत्सव को हनुमान जन्मोत्सव
कहा जाना चाहिए, न कि हनुमान जयंती। क्योंकि जो जीवित हो, अमर हों उनका
जन्मोत्सव ही मनाया जाता है और मृत्यु को प्राप्त व्यक्ति की जयंती मनाई
जाती है। हनुमान जी तो अमर हैं। हनुमान चालीसा में भी वर्णित है चारो युग
प्रताप तुम्हारा, है प्रसिद्ध जगत उजियारा। श्रद्धालुओं ने अपने घरों में
ही महाबली हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर उनसे कामना की कि कोरोना वायरस के
बढ़ते प्रकोप से देश को ही नहीं, अपितु विश्व को भी बचाने का आशीर्वाद
दें। श्रद्धालुओं ने हनुमान जी से यह कामना भी की कि हनुमान जी खुद शक्ति
का प्रतीक हैं, इसलिए श्रद्धालुओं को भी कोरोना वायरस से लडऩे की शक्ति
प्रदान करें। विभिन्न धार्मिक संस्थाओं ने भी अपने-अपने स्तर पर अपने ही
घरों मे हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया
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