गुडग़ांव, सृष्टि के माने जाने वाले प्रथम पत्रकार देवों
के ऋषि नारद जी की जयंती शुक्रवार को लोगों ने कोरोना वायरस संक्रमण से
बचाव करते हुए अपने घरों में ही मनाई। नारद जी के विषय मेें प्रचलित है
कि तीनों लोकों में सूचना पहुंचाने की शुरुआत नारद जी ने ही की थी।
इन्हें तीनों लोकों में वायु मार्ग द्वारा विचरण करने का वरदान प्राप्त
था। नारद जी ने ही धु्रव और प्रहलाद को ज्ञान देकर भक्ति मार्ग की ओर
उन्मुख किया था। ऐसा धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है। बुद्धिजीवियों अनिल
कश्यप, अरविंद सैनी व हरियाणा कला परिषद के पूर्व निदेशक अजय सिंहल आदि
ने अपने घरों में ही कार्यालयों में ही नारद जयंती का आयोजन किया। उनका
कहना है क ब्रहा जी के मानस पुत्र के रुप में नारद जी अवतरित हुए थे।
नारद जी स्वयं भगवान विष्णु के परम और अनन्य भक्त माने जाते हैं। उनका
कहना है कि पत्रकारिता जगत में नारद जी की अहम भूमिका रही है। उन्हें
सृष्टि का प्रथम पत्रकार माना जाता है। उन्हीं से पत्रकार जगत प्रेरणा
लेता रहा है। नारद जयंती का आयोजन प्रतिवर्ष विभिन्न संस्थानों द्वारा
किया जाता रहा है, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के प्रकोप से देशवासियों
को बचाने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की हुई है, जिसमें कोई सार्वजनिक
कार्यक्रम नहीं हो सकते हैं। इसलिए घरों में ही रहकर नारद जी को याद
किया गया है। उनका यह भी कहना है कि धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु
के परम और अनन्य भक्त नारद जी की पूजा-आराधना करने से व्यक्ति को बल,
बुद्धि और सात्विक शक्ति मिलती है।
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