गुडग़ांव, निर्भया मामले
में शुक्रवार की प्रात: चारों
आरोपियों को फांसी पर लटका देने से मृतका की आत्मा को न्याय मिल गया है।
हालांकि उन्हें व उनके परिजनों को 7 साल की लंबी लड़ाई के बाद यह न्याय
मिला है। सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे कि इस प्रकार की घटनाओं
की पुनरावृति न हो। यह कहना है कि सामाजिक संस्था भगवान श्रीपरशराुम
सेवादल के अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा अधिवक्ता का। उन्होंने कहा कि इस
प्रकार की घटनाओं से सामाजिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो जाता है। सभी
समाजों को सामूहिक रुप से प्रयास करने होंगे कि असामाजिक तत्वों पर नजर
रखी जाए, ताकि वे इस प्रकार की घिनौनी हरकतों को अंजाम न दे सकें। उनका
कहना है कि अदालत ने तो अपना फैसला पहले ही सुना दिया था, लेकिन आरोपियों
के अदालती दांव-पैंच के चलते फैसले को लटकाया जा रहा था। जब चारों ओर से
हत्यारोपियों को राहत नहीं मिली तो अदालत के आदेश का पालन तो होना ही था।
जो शुक्रवार की अलसुबह कर दिया गया।
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