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सरकार द्वारा परीक्षा कराने के निर्णय का शुरु हो गया है विरोध

गुडग़ांव, वैश्विक कोरोना महामारी से पूरा देश जूझ रहा है।
छात्रों की शिक्षा भी प्रभावित हुई है। हालांकि सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा
उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था की हुई है। सरकार ने छात्रों की परीक्षा
आयोजित करने का मन बना लिया है। जिसको लेकर छात्रों का विरोध भी तेज होना
शुरु हो गया है। गुडग़ांव के छात्र नेता आशीष राजपूत का कहना है कि कोरोना
को लेकर हालात अभी सामान्य नहीं हो पाए हैं। प्रतिदिन कोरोना पीडि़तों की
संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में सरकार द्वारा कॉलेज में परीक्षा कराने
का फैसला छात्रों के हित में नहीं है। अपना विरोध प्रकट करने के लिए सोशल
मीडिया पर भी आंदोलन शुरु कर दिया गया है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि
जब प्रथम वर्ष के छात्रों की परीक्षा रद्द हो सकती है तो द्वितीय व तृतीय
वर्ष की परीक्षा भी रद्द की जा सकती हैं। द्वितीय वर्ष का परीक्षा फल
प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम पर निश्चित किया जाना चाहिए, लेकिन उसमें
दूसरे सेमेस्टर रिअपीयर छात्रों का भविष्य भी खतरे में हैं। छात्रों के
अभिभावक उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि पलायन कर चुके
हजारों छात्र भी परीक्षा देने की स्थिति में नहीं हैं। प्रदेश सरकार को
युवाओं के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। यदि युवा ही संक्रमित हो
जाएंगे तो राष्ट्र के भविष्य का क्या होगा।

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