गुरुग्राम, केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए 3 कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान दिल्ली की सीमाओं पर गत 88 दिनों से धरने दिए हुए हैं। किसानों के इस आंदोलन को गुडग़ांव का संयुक्त किसान
मोर्चा 56व दिनों से धरने के माध्यम से समर्थन करता आ रहा है। उनका यह
धरना रविवार को भी जारी रहा। मोर्चा के जिलाध्यक्ष संतोख सिंह ने बताया
कि मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के
प्रमुख किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल से मिला और आंदोलन की आगे की
रणनीति पर विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को
प्रताडि़त कर रही है। किसानों आंदोलन को 3 महीने हो चुके हैं, लेकिन
सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार ही नहीं है। तीनों कानून सरकार ने
बिना सलाह मशविरा किए जनता पर थोपे है। लोकतंत्र में जनता से सलाह मशविरा
करके तथा जनता की मांगो को ध्यान में रखकर जनकल्याण के लिए ही कानून बनाए
जाते हैं। राव कमलवीर सिंह, आरएस राठी, गजे सिंह कबलाना ने कहा कि सरकार
हठधर्मिता और तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं। सरकार ने किसानों से बातचीत
बंद कर दी है। किसानों की मांग थी की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून
बनाया जाए। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कीजाए। राष्ट्रीय किसान
आयोग का गठन किया जाए। धरने पर बैठने वालों में बलवान सिंह दहिया,
कंवलजीत सिंह, लखपत जांघू, अमित मेहरा, सतबीर सिंह नेहरा, दिलबाग सिंह
खटका, राजकुमार पंवार, मनीष मक्कड़, हरि सिंह चौहान, तनवीर अहमद आदि
मौजूद रहे।
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