गुडग़ांव, देश की माटी का कण-कण सदैव देश को स्वतंत्र
कराने में
अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महान क्रांतिकारी
रामप्रसाद
बिस्मिल व उनके सहयोगियों का ऋणी रहेगा। मात्र 30 साल की आयु
में फांसी
के फंदे पर झूल जाने वाले अमर शहीद क्रांतिकारी रामप्रसाद
बिस्मिल को
देश सदैव याद रखेगा। यह कहना है श्रमिक नेता मारुति उद्योग
कामगार यूनियन
के महासचिव कुलदीप जांघू का। जो उन्होंने वीरवार को
रामप्रसाद
बिस्मिल की जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कही। उनका
कहना है कि
यह महान क्रांतिकारी उच्च कोटि के कवि व साहित्यकार भी थे।
अंग्रेजों
ने रामप्रसाद बिस्मिल व उनके साथियों को काकोरी ट्रेन डकैती की
घटना को अंजाम
देने के कारण फांसी पर लटका दिया था। उनका कहना है कि भारत
की स्वतंत्रता
प्राप्ति में उनका विशेष योगदान रहा था। काकोरी काण्ड के
आरोपियों राजेंद्र
नाथ लाहिड़ी को अंग्रेजों ने वर्ष 1927 की 17 दिसम्बर,
राम प्रसाद
बिस्मिल को गोरखपुर जेल व अश्फाकउल्ला खां को फैजाबाद जेल में
19 दिसम्बर
को लटका दिया गया था। देश इन क्रांतिकारियों का सदैव ऋणी
रहेगा। श्रद्धांजलि
देने वालों में अन्य कई श्रमिक नेता भी शामिल रहे।
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