गुडग़ांव, वैश्विक कोरोना वायरस के प्रकोप से
जिलेवासियों को बचाने के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा की हुई है।
गुडग़ांव में लॉकडाउन के 20वें दिन भी अधिकांश क्षेत्रों में सडक़ें व
क्षेत्र सुनसान दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में लापरवाह लोग
अभी भी सडक़ों पर चहलकदमी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे लोगों के प्रति
लॉकडाउन का पालन कराने वाले अधिकारी भी सख्त रवैय्या अपनाते दिखाई दे रहे
हैं। जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरी चाक-चौबंद
व्यवस्था की हुई है। जिला प्रशासन ने जहां कई आवासीय सोसायटीज को कोरोना
वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए सील कर दिया है, वहीं सडक़ों पर बिना काम
के निकलने वाले लोगों से सख्ती से निपटना भी शुरु कर दिया है। जिला
प्रशासन का मानना है कि अपने व अन्यों के स्वास्थ्य के लिए लोगों को
लॉकडाउन का पालन तो करना ही होगा। यह उनकी सामाजिक जिम्मेदारी भी बनती
है, जिसे नकारा नहीं जा सकता। प्रशासन समय-समय पर शहरी व ग्रामीण
क्षेत्रों में सहयोग की अपील करता रहा है और प्रशासन की इस अपील का
सकारात्मक असर भी दिखाई दे रहा है। जिला प्रशासन ने सभी आवश्यक सेवाएं
जारी रखी हुई हैं। लोगों को नियमित रुप से आवश्यक वस्तुएं भी बिना किसी
झंझट के उपलब्ध कराई जा रही हैं। जिला प्रशासन का मानना है कि जिले में
दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। खाद्य
पदार्थों के पूरे भण्डार हैं। लोगों को अपनी आवश्यकता अनुसार ही इन चीजों
को खरीदना चाहिए, ताकि सभी को ये वस्तुएं उपलब्ध हो सकें, लेकिन इस सब के
बावजूद भी कई स्थानों पर लोग खाद्य पदार्थों का भण्डारण करने से नहीं चूक
रहे हैं, जोकि समाज हित में नहीं है। प्रशासन ने मुनाफाखोरों की भी नकेल
कसी हुई है, ताकि आम आदमी इनका शिकार न हो सके।
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