गुडग़ांव, कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉकडाउन की अवधि
के दौरान श्रमिकों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिससे श्रमिक
वर्ग बुरी तरह से हताश हो गया है। श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव व
प्रदेश सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों को लेकर विभिन्न श्रमिक संगठनों
ने शुक्रवार को मिनी सचिवाालय पर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए धरना
प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा।
श्रमिक संगठन एटक के जिला महासचिव कामरेड अनिल पंवार ने बताया कि ज्ञापन
में प्रधानमंत्री से मांग की गई है कि मजदूरों के हितों के लिए बनाए गए
श्रम कानूनों में किए गए संशोधनों को वापिस लिया जाए और कार्य दिवस के
घंटे 8 ही रखे जाए इसको बढ़ाया न जाए, प्रवासी व स्थानीय तथा जरुरतमंद
परिवारों को जब तक रोजगार उपलब्ध न हो जाए, तब तक उन्हें 10 किलो
प्रतिव्यक्ति अनाज व राशन दिया जाए, कर्मचारियों व पैंशनर्स के डीए,
एलटीसी पर जो प्रतिबंध लगाया हुआ है उसको वापिस लिया जाए, रोडवेज व बिजली
निगम आदि का निजीकरण बंद किया जाए, लॉकडाउन के दौरान जो प्रवासी मजदूर
दुर्घटना का शिकार हुए हैं उनके परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिलाया जाए,
लॉकडाउन अवधि का पूरा वेतन श्रमिकों को दिलाया जाए, मनरेगा योजना का
शहरों में भी विस्तार किया जाए, सरकारी स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया
जाए तथा पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों को तुरंत वापिस लिया जाए। धरने पर
बैठे श्रमिकों को श्रमिक नेताओं कामरेड सतबीर सिंह, राम कुमार, अमित
यादव, कंवरपाल यादव, राजेंद्र सरोहा आदि ने भी संबोधित किया। इस धरना
प्रदर्शन में इंटक, सीटू, ट्रेड यूनियन काउंसिल, एचएमएस श्रमिक संगठनों
से संबंधित श्रमिक यूनियनों के सदस्यों ने भी बढ़-चढक़र भाग लिया।
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