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लॉकडाउन का जिलेवासी कर रहे हैं पूरी जिम्मेदारी के साथ पालन स्वयंसेवी संस्थाएं भी जिला प्रशासन को कर रही हैं पूरा सहयोग मुनाफाखोरों पर प्रशासन की है सख्त नजर

गुडग़ांव, वैश्विक कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रदेश
में लागू लॉकडाउन के 12वें दिन भी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की सडक़ें
सुनसान ही दिखाई दी। जिला प्रशासन कोरोना से बचने के लिए हरसंभव प्रयास
कर रहा है। श्रमिकों व दिहाड़ीदार मजदूरों को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध
कराई जा रही है। प्रवासी श्रमिकों के लिए शैल्टर होम भी जिला प्रशासन
द्वारा कई स्थानों पर बनाए गए हैं, जिनमें उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं
उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग
प्रणाली को अपनाया जा रहा है। यानि कि वे एक दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाए
रखें। लोगों को खाद्य सामग्री भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जा रही
है। जिला प्रशासन मुनाफाखोरों के प्रति कार्यवाही भी कर रहा है। सुरक्षा
के सभी उपाय अपनाए जा रहे हैं और इनके प्रति आम आदमियों को जागरुक भी
किया जा रहा है। राहत शिविरों में आने-जाने वाले लोगों के लिए
थर्मोस्कैनर व सैनिटाइजर भी उपलब्ध हैं। विभिन्न आरडब्ल्यूए भी सरकार के
इन प्रयासों में पूरा सहयोग दे रही हैं। जरुरतमंदों को भोजन के पैकेट भी
बड़ी संख्या में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। राहत शिविरों में रहने वाले
लोगों को भोजन के अलावा वस्त्र आदि भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं और उनके
स्वास्थ्य की नियमित रुप से भी जांच की जा रही है,  ताकि कोरोना के बढ़ते
प्रकोप को रोका जा सके। जिला प्रशासन का मानना है कि शहरी क्षेत्र में ही
नहीं, अपितु ग्रामीण क्षेत्रों में भी लॉकडाउन का आम लोगों द्वारा पूरा
पालन किया जा रहा है। प्रशासन ने विभिन्न संस्थाओं से भी आग्रह किया है
कि जरुरतमंदों की मदद के लिए वे आगे आएं। जिला प्रशासन के इस आग्रह का
काफी प्रभाव भी हुआ है और दर्जनों स्वयंसेवी संस्थाएं मुश्किल की इस घड़ी
में जिला प्रशासन को सहयोग भी कर रही हैं।

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