गुरुग्राम। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए लेबर कोड पर चर्चा करने के लिए गुडगांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न प्रतिष्ठानों के उद्यमी व अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। सत्र का उद्देश्य भारत के ऐतिहासिक श्रम सुधारों पर स्पष्टता और गहन समझ प्रदान करना था। वरिष्ठ अधिवक्ता एमएम कौशल ने नए श्रम संहिताओं के प्रमुख प्रावधानों और उनके व्यावहारिक प्रभावों पर व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। श्रम संहिता और उससे संबंधित तत्व इस विचार-विमर्श का केंद्र बिंदु रहे। उन्होंने उन प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की जिन्हें संगठनों में श्रम संहिताओं के लागू होने के बाद तकनीकी परिवर्तनों के हिस्से के रूप में सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। वेतन बनाम न्यूनतम वेतन, फ़्लोर वेज की अवधारणा, नियुक्ति पत्र और श्रम नीति संशोधन एवं कार्यान्वयन, औद्योगिक संबंध संहिता और यूनियन संबंधी विषय, कर्मचारी और नियोक्ता के लाभ एवं हानि आदि पर चर्चा की गई। सत्र में श्रम संहिताओं के व्यापक कार्यान्वयन और अनुपालन सुनिश्चित करने व सुगम परिवर्तन में एचआर पेशेवरों की प्रभावी भूमिका पर बल दिया गया।
लेबर कोड को लेकर जीसीसीआई ने किया कार्यक्रम का आयोजन

