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मुख्यमंत्री अवैध शराब घोटाले के मामले की जांच को लें अपने अधीन : अरुण शर्मा

गुडग़ांव, कोरोना वायरस के दौरान प्रवासी श्रमिकों का अपने
गृह प्रदेशों को जाने का सिलसिला जारी है। हालांकि प्रदेश सरकार ने इन
प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह जिलों में भेजने की व्यवस्था भी की हुई है।
अब तक करीब 10 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों को गुडग़ांव जिला प्रशासन
ट्रेन व बसों के माध्यम से उनके गृह प्रदेश भेज चुका है। यह सिलसिला अभी
भी जारी है, लेकिन कुछ प्रवासी श्रमिकों के आज भी पैदल अपने गृह प्रदेश
जाने की सूचनाएं सामने आ रही हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने
प्रवासी श्रमिकों से जुड़े मामलों को अपने अधीन ले लिया है, ताकि प्रदेश
सरकार की किरकिरी न हो और प्रवासी श्रमिकों को भी किसी प्रकार की
परेशानियों का सामना न करना पड़े। यह कहना है सामाजिक संस्था भगवान
परशुराम सेवादल के अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा एडवोकेट का। उनका कहना है कि
जिस प्रकार मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने प्रवासी मजदूरों का मामला अपने अधीन
लिया है, उसी प्रकार लॉकडाउन के दौरान अवैध शराब का घोटाला के मामले की
जांच को भी अपने अधीन ले लेना चाहिए, ताकि उन्हें एसईटी की जांच की
स्टेटस रिपोर्ट समय-समय पर मिलती रहे। क्योंकि करोड़ों की शराब तस्करी का
घोटाला लॉकडाउन अवधि में हुआ है। जो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना
हुआ है। उनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान शराब की तस्करी, थानों के
मालखानों से शराब गायब होना प्रदेशवासियों को अचंभित कर रहा है। इस
घोटाले की जांच निष्पक्ष रुप से की जानी चाहिए, ताकि इस प्रकार की घटनाओं
की पुनरावृति करने का कोई साहस न कर सके। प्रदेशवासियों की नजर एसईटी की
जांच पर टिकी हैं।

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