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मामला हाईप्रोफाइल गीतांजलि की मौंत का

गुरुग्राम।वर्ष 2013 के गीतांजलि मौंत मामले में प्रदेश के पंचकूला स्थित सीबीआई विशेष अदालत के न्यायाधीश राजीव गोयल की अदालत ने सुनवाई करते हुए गीतांजलि के पति गुरुग्राम के तत्कालीन सीजेएम रवनीत गर्ग, ससुर व सास को सभी आरोपों से मुक्त कर बरी कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुग्राम में तैनात तत्कालीन सीजेएम रवनीत गर्ग अपने परिवार के साथ सिविल लाइन क्षेत्र स्थित ऑफिसर्स कालोनी में रहते थे। 12 जुलाई 2013 को गुरुग्राम की पुलिस लाइन क्षेत्र में गीतांजलि का शव मिला था। इस मामले को लेकर काफी धरने प्रदर्शन भी हुए थे। अंत में सरकार ने इस मामले को हाईप्रोफाइल मानते हुए इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी थी। शुरु में सीबीआई ने भी हत्या के एंगल से मामले की जांच की थी। सीबीआई अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सीबीआई गीतांजलि की हत्या या दहेज हत्या को साबित करने में असफल रही है। जांच एजेंसी यह सिद्ध नहीं कर सकी है कि गीतांजलि की मौंत हत्या थी या दहेज के लिए की गई हत्या। इस मामले की सुनवाई सीबीआई अदालत में 12 साल तक चली, लेकिन यह प्रश्र आज भी अनसुलझा रह गया है कि गीतांजलि की हत्या हुई थी या उसने आत्महत्या की थी। गौरतलब है कि तत्कालीन सीजेएम रवनीत गर्ग गुरुग्राम की अदालत में कार्यरत थे। उनकी पत्नी गीतांजलि का शव 17 जुलाई 2013 को गुरुग्राम पुलिस लाइन के ग्राउण्ड में पड़ा मिला था। आशंका जताई गई थी कि गीतांजलि की हत्या की गई है। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, मानवाधिकार संगठन व महिला संरक्षण से जुड़ी संस्थाओं ने काफी धरना प्रदर्शन भी किए थे। बताया जाता है कि इस मामले की जांच प्रदेश सरकार ने सीबीआई को सौंप दी थी। इस मामले में गीतांजलि के पति रवनीत गर्ग, सेवानिवृत सेशन जज ससुर कृष्ण कुमार गर्ग व मां रचना गर्ग को आरोपी बनाया गया था। बताया जाता है कि जब सीबीआई ने अदालत में चार्जशीट पेश की तो हत्या की धाराओं में बदलाव कर दहेज हत्या जोड़ दी गई थी। यह भी बताया जाता है कि मामले की सुनवाई के समय अदालत में बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई थी कि जिस दिन यह घटना घटी उस दिन गीतांजलि ने अपने माता-पिता, भाई-भाभी व अन्य परिजनों के साथ पंचकूला में बात की थी। जबकि सबकुछ सामान्य था और दहेज प्रताडऩा से संबंधित कोई तथ्य प्रकट नहीं हुए थे। सीबीआई अदालत में यह सिद्ध नहीं कर सकी कि दहेज आदि की मांग आरोपियों ने गीतांजलि से की थी।