गुरुग्राम, जिले के एक निजी स्कूल में कक्षा दूसरी के
मासूम छात्र की गला रेतकर हत्या कर देने के मामले की सुनवाई सोमवार को
पंचकूला स्थित सीबीआई अदालत हुई। सीबीआई ने अदालत में इस मामले की जांच
कर रहे तत्कालीन 4 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने से संबंधित
दस्तावेज पेश किए थे। अदालत ने सीबीआई को आदेश दिए थे कि इन अधिकारियों
के खिलाफ कार्यवाही करने से पूर्व सीबीआई को प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी
चाहिए। सीबीआई ने प्रदेश सरकार से अनुमति देने का आग्रह किया था, जिस पर
प्रदेश सरकार ने सीबीआई के आग्रह को नकारते हुए कहा है कि हर जांच एजेंसी
का मामले की जांच करने के लिए अलग-अलग एंगल होता है। गुडग़ांव पुलिस के
तत्कालीन 4 पुलिस अधिकारियों ने भी उसी एंगल से जांच की होगी। इसलिए उनके
खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। सरकार के इस निर्णय से इन
चारों पुलिस अधिकारियों को बड़ी राहत मिली है। सीबीआई अदालत ने अब इस
मामले की सुनवाई के लिए आगामी 19 मार्च की तारीख निर्धारित कर दी है। इस
तारीख पर सीबीआई अपील में जाएगी या नहीं इसकी जानकारी इसी तारीख पर मिल
सकेगी। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों को सरकार से अनुमति मिलेगी
या नहीं इसकी बड़ी ही बेसब्री से प्रतीक्षा थी। गौरतलब है कि वर्ष 2017
की 8 सितंबर को जिले के एक निजी स्कूल में कक्षा दूसरी के छात्र प्रिंस
की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आनन-फानन में मामला दर्ज कर
स्कूल के ही बस कंडक्टर अशोक को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज
दिया था। प्रदेश सरकार ने जब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी तो सीबीआई
ने स्कूल की कक्षा 11वीं के छात्र भोलू को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया
था। तभी से वह न्यायिक हिरासत में है और सीबीआई ने बस कंडक्टर अशोक को
क्लीनचिट दे दी थी। सीबीआई ने अपनी जांच में पाया था कि इस मामले की जांच
कर रहे तत्कालीन एसीसी ब्रह्म सिंह, भौंडसी पुलिस थाना प्रभारी नरेंद्र
खटाना, सब इंस्पेक्टर शमशेर सिंह व ईएएसआई सुभाषचंद पुलिस अधिकारियों ने
तथ्यों से छेड़छाड़ की है। इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का आग्रह
सीबीआई अदालत से किया था।
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